मास्टरमाइंड सचिवों पर विकास भवन के अफसर मेहरबान
जागरण संवाददाता ज्ञानपुर (भदोही) मास्टरमाइंड सचिवों पर विकास भवन के अधिकारी इस कदर म
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : मास्टरमाइंड सचिवों पर विकास भवन के अधिकारी इस कदर मेहरबान हैं कि उन्हें मुंहमांगी तैनाती दे दे रहे हैं। स्थानांतरण में नियमों को ताख पर रखकर मुख्यमंत्री के भी फरमान को पलीता लगा रहे हैं। महीने भर में बदले गए कार्यक्षेत्र को समझौता होते ही रोस्टर को निरस्त कर दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री भले भी भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने लिए अधिकारियों पर शिकंजा कस दिया हो लेकिन अधिकारी हैं कि वह मानते नहीं। विकास भवन में इन दिनों प्रतिदिन सचिवों की इधर-उधर करने की फाइल तैयार हो रही है। वित्तीय वर्ष महज तीन माह रह गया है और सचिवों को मनमानी तरीके से बदल दिया जा रहा है। प्रधान मनमाफिक सचिवों की तैनाती के लिए माननीयों के यहां चक्कर काट रहे हैं। माननीय भी अधिकारियों पर दबाव बनाकर क्षेत्र को बदलवा दे रहे हैं। सुरियावां ब्लाक में तो मनमनी तरीेके से क्षेत्र बदल दिया गया है दस साल से तैनात एक कर्मचारी की सूची पर क्षेत्र को इधर-उधर कर दिया गया है। मुख्य विकास अधिकारी भानु प्रताप सिंह का कहना है कि कुछ सचिवों ने माहौल को खराब कर दिया है। बड़े स्तर पर बदलाव नहीं किया जा रहा है। एक-दो सचिवों को इधर-उधर किया गया है।
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मनमानी को रोकने के लिए बनाया गया रोस्टर
सचिवों को इधर-उधर करने की मनमनी पर रोक लगाने के लिए शासन की ओर से रोस्टर तैयार किया गया है। बगैर काम कराए ही भुगतान नहीं हुआ तो प्रधान विकास भवन पहुंच जा रहे हैं। बगैर किसी सत्यता की पड़ताल किए सचिवों को इधर-उधर कर दिया जा रहा है। रोस्टर के कारण कई गांव प्रभावित हो जा रहे हैं।
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सर्वाधिक इन सचिवों की है डिमांड
जिले में कुछ ऐसे सचिव हैं, जिनकी सर्वाधिक डिमांड है। अधिसंख्य प्रधान उन्हें अपने गांव में तैनात कराने में एड़ी- चोटी एक कर देते हैं। इसमें अरुण बिद, जितेंद्र त्यागी, गुलाब सरोज, मुन्नीलाल यादव, रामसूरत, विजय सोनी, प्रदीप बिद आदि हैं। अधिकारियों के सामने अधिसंख्य प्रधानों की मांग इन नामों की रहती है।