इलाज के दौरान नलकूल चालक की मौत, कोहराम
क्षेत्र के धनीपुर गांव के नलकूप चालक अर¨वद कुमार मिश्र(5
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : क्षेत्र के धनीपुर गांव के नलकूप चालक अर¨वद कुमार मिश्र (58) की इलाज के दौरान मौत हो गई। इसकी जानकारी होते ही परिवार में कोहराम मच गया। गोधना स्थित एक पेट्रोल पंप पर आयोजित भंडारा से वापस होते समय छह दिन पूर्व ट्रक की चपेट में आने से गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उनका इलाज बीएचयू के ट्रामा सेंटर में चल रहा था। मौत की जानकारी होते ही उनके घर संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता लगा रहा।
गोपीगंज थाना क्षेत्र के धनीपुर गांव निवासी अर¨वद कुमार और उनके एक और उनके साथी सदाशिव पट्टी निवासी सुनील शुक्ला एक ही बाइक पर सवार होकर गोधना के पास एक पेट्रोल पंप पर आयोजित भंडारे में गए थे। यहां से प्रसाद ग्रहण करने के बाद घर लौट रहे थे लेकिन हाइवे पर तेज रफ्तार से जा रहे ट्रक की चपेट में आ गए। इस दौरान दोनों लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना की जानकारी होते ही परिवार के लोग आनन-फानन बीएचयू ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया। जहां पर छह दिन तक जीवन मौत से जूझते रहे। शनिवार को सुबह इलाज के दौरान अर¨वद कुमार की मौत हो गई जबकि सुनील कुमार अब भी जीवन मौत से जूझ रहे हैं। मौत की जानकारी मिलते ही गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया तो परिजनों में गम का पहाड़ टूट पड़ा। उनके तीन पुत्र और पुत्री हैं। पत्नी सरिता मिश्रा का रो-रो कर बूरा हाल हो गया था। वह बार-बार बहोश हो जा रही थीं तो महिलाओं के समझाने पर कुछ देर के लिए खामोश होकर इधर-उधर खड़े बच्चों को निहारने लग जा रही थी।
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सिर में हेल्मेट होता तो बच जाती ¨जदगी
- वाहन चलाते समय हेलमेट का प्रयोग कराने की लाख कोशिश की जा रही है लेकिन आम लोगों पर इसका कोई असर नहीं पहुंच रहा है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक ट्रक की चपेट में आने से अर¨वद के सिर में जबकि सुनील के पैर में चोट लगी थी। जबसे उनके सिर में चोट लगी तभी से वह कोमा में चले गए। यदि उनके सिर में हेलमेट रहा होता तो उनकी जान आसानी से बचाई जा सकती थी। वह इसलिए कि सिर के अलावा उन्हें कहीं भी चोट नहीं आई थी। सिर में चोट लगने के बाद ही वह गंभीर हो गए थे। मौत तो विधि का विधान है लेकिन वाहन चलाते समय सिर में हेलमेट का प्रयोग करने से असमय खत्म हो रही ¨जदगी को बचाया जा सकता है।