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ब्लाक का इंतजार, ओवर ब्रिज निर्माण पर ब्रेक

एक तरफ मुआवजे के पेंच ने सेतु निगम के हाथ बांध रखे हैं तो दूसरी ओर रेलवे की कार्यदाई संस्था दो सप्ताह से ब्लाक का इंतजार कर रही है। लाखों रुपये किराया अदा कर दिल्ली से मंगाई गई क्रेन गजिया फाटक के पास शो पीस बनी है लेकिन रेलवे द्वारा ब्लाक नहीं दिया जा रहा है। इसके कारण निर्माण एजेंसी हाथ पर हाथ धरे बैठी है। जबकि रेलवे ने फरवरी माह में ही ब्लाक के लिए सैद्धांतिक मंजूरी देते हुए कार्यदाई संस्था को तैयारी पूरी रखने को कहा था। आनन फानन में वर्कशाप में तैयार गर्डर गजिया रेलवे फाटक पर मंगवा लिया गया। यही नहीं बल्कि 10 दिन का 12 लाख रुपया किराया अदा कर दिल्ली से क्रेन भी मंगवा लिया गया लेकिन विभाग ने ब्लाक नहीं दिया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 15 Mar 2020 06:46 PM (IST)Updated: Sun, 15 Mar 2020 06:46 PM (IST)
ब्लाक का इंतजार, ओवर ब्रिज निर्माण पर ब्रेक
ब्लाक का इंतजार, ओवर ब्रिज निर्माण पर ब्रेक

जागरण संवाददाता, भदोही : एक तरफ मुआवजे के पेंच ने सेतु निगम के हाथ बांध रखे हैं तो दूसरी ओर रेलवे की कार्यदाई संस्था दो सप्ताह से ब्लाक का इंतजार कर रही है। लाखों रुपये किराया अदा कर दिल्ली से मंगाई गई क्रेन गजिया फाटक के पास शो-पीस बनी है लेकिन रेलवे द्वारा ब्लाक नहीं दिया जा रहा है। इसके कारण निर्माण एजेंसी हाथ पर हाथ धरे बैठी है। ओवरब्रिज के निर्माण कार्य पर ब्रेक लग चुका है। जबकि रेलवे ने फरवरी माह में ही ब्लाक के लिए सैद्धांतिक मंजूरी देते हुए कार्यदाई संस्था को तैयारी पूरी रखने को कहा था। आनन-फानन में वर्कशाप में तैयार गर्डर गजिया रेलवे फाटक पर मंगवा लिया गया। इतनी ही नहीं 10 दिन का 12 लाख रुपये किराया अदा कर दिल्ली से क्रेन भी मंगवा लिया गया।

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गजिया ओवर ब्रिज निर्माण कार्य करने वाली रेलवे की एजेंसी ने फरवरी के दूसरे सप्ताह में ही अपना काम समाप्त कर दिया था। रेलवे द्वारा फरवरी के अंतिम सप्ताह में ब्लाक देने का भरोसा दिया गया था। मार्च का दूसरा सप्ताह भी समाप्त हो गया लेकिन विभाग ने अब तक ब्लाक नहीं दिया। उधर कार्यदाई संस्था ने गर्डर चढ़ाने के लिए दिल्ली से विशेष क्रेन भी मंगवा लिया है। इसके लिए कार्यदाई संस्था ने 10 दिन के लिए 12 लाख रुपये सिर्फ किराया अदा किया है। एक दो दिन के अंदर ब्लाक नहीं मिला तो संस्था को अतिरिक्त किराया अदा करना होगा। जो उसके लिए चिता का कारण बना है। रेलवे कंस्ट्रक्शन विभाग के अवर अभियंता सुनील कुमार का कहना है कि ब्लाक मिलने में हो रही देरी के कारण आर्थिक चपत लग रही है लेकिन जब तक विभाग से ब्लाक नहीं मिलता वे कुछ कर भी नहीं सकते। बताया कि गर्डर चढ़ाने से पहले हाईटेंशन तारों को नीचे किया जाना है। इसके लिए इलेक्ट्रिक विभाग को भी ब्लाक लेना पड़ेगा। उन्होंने एक दो दिन में ब्लाक मिलने संभावना जताई।


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