बेसहारा मवेशियों को जिदा रखने की चुनौती
पिपरिस गौ संरक्षण केंद्र की संचालन व्यवस्था बदलने के बाद पशुओं के बेहतर संरक्षण रखरखाव की उम्मीद जगी है। निरीह पशुओं को ठंड से बचने के उपाय व खानपान की बेहतर व्यवस्था करने का दावा किया जा रहा है। इस क्रम में केंद्र के शेड को चारों ओर से तिरपाल लगाकर बंद कर दिया गया है। बीमार पशुओं का ढंग से उपचार हो ताकि कोई निरीह मौत का शिकार न हो इसके लिए भी गंभीरता बरतने का भरोसा दिलाया गया है। हालांकि बिगड़ी हुई व्यवस्था के सुधार में समय जरूर लगेगा।
जासं, भदोही : पिपरिस गौ संरक्षण केंद्र की संचालन अब नई कंपनी संभाल रही है। व्यवस्था में थोड़ा बदलाव जरूर आया है लेकिन बेसहारा मवेशियों को जिदा रखना किसी चुनौती से कम नहीं होगा। कारण कि पखवारे भर के भीतर यहां 15 से अधिक पशु मर चुके हैं। व्यवस्था बदलने के बाद पशुओं के बेहतर संरक्षण व रखरखाव की उम्मीद है। केंद्र के शेड को चारों ओर से तिरपाल से घेर दिया गया है। बीमार पशुओं का उपचार हो रहा है। बता दें कि यहां पर पशुओं को कुत्ते नोचते मिले थे, इसके कारण प्रशासन ने कार्यदायी एजेंसी और डिप्टी सीवीओ को हटा दिया। अभी भी दर्जन भर पशु यहां मरणासन्न अवस्था में हैं। सुशीला एजुकेशन संस्था के संचालक रामचंद्र शुक्ला ने बताया कि ठंड से बचाव के लिए शेड को चारों ओर से पैक कर दिया गया है। केंद्र परिसर की सफाई करा दी गई है। बीमार 4 पशुओं की तीन दिन में मौत हुई है लेकिन धीरे धीरे अंकुश लग रहा है। 15 दिन के अंदर केंद्र का कायाकल्प कर दिया जाएगा। एसडीएम आशीष मिश्रा ने बताया कि नई संस्था द्वारा अगर मवेशियों के रखरखाव में लापरवाही बरती जाएगी तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।