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प्रमुख ट्रेनों का टर्मिनल बदला, यात्रियों की दुविधा बढ़ी

आशंका जताई जा रही थी कि कैंट के बजाए ट्रेनों का परिचालन मडुआडिह से होने के कारण यात्रियो की मुसीबत बढ़ जाएगी। जबकि अधिकतर यात्रियों का मानना है कि रेलवे की नई व्यवस्था पहले की अपेक्षा सुविधाजनक साबित होगी। क्योंकि स्टेशन उतरने वालों को वाराणसी के प्रमुख बाजारों दालमंडी गोदौलिया बीएचयू आदि स्थानों पर जाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी जबकि अब मडुआडिह उतरने के बाद उन्हें अधिक चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बल्कि प्रमुख चिकित्सा केंद्र बीएचयू तो मडुआडिह के पास ही है। हालांकि कैंट व आसपास के क्षेत्रों को जाने वालों के लिए समस्या बढ गई है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Jan 2020 07:03 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jan 2020 07:03 PM (IST)
प्रमुख ट्रेनों का टर्मिनल बदला, यात्रियों की दुविधा बढ़ी
प्रमुख ट्रेनों का टर्मिनल बदला, यात्रियों की दुविधा बढ़ी

जासं, भदोही : आशंका जताई जा रही थी कि कैंट के बजाए ट्रेनों का परिचालन मंडुआडीह से होने के कारण यात्रियों की मुसीबत बढ़ जाएगी जबकि अधिकतर यात्रियों का मानना है कि रेलवे की नई व्यवस्था पहले की अपेक्षा सुविधाजनक साबित होगी। कैंट स्टेशन से उतरने वालों को वाराणसी के प्रमुख बाजारों दालमंडी, गोदौलिया, बीएचयू आदि स्थानों पर जाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है जबकि अब मंडुआडीह उतरने के बाद उन्हें अधिक चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बल्कि प्रमुख चिकित्सा केंद्र बीएचयू तो मंडुआडीह के निकट है। कैंट व आसपास के क्षेत्रों की समस्या बढ़ गई है।

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कैंट स्टेशन से ट्रेनों का दबाव कम करने के उद्देश्य से रेलवे ने न सिर्फ मंडुआडीह स्टेशन को विकसित किया बल्कि लोहता-मंडुआडीह के बीच बाइपास ट्रैक बिछाकर ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया है। वाराणसी के कैंट स्टेशन से चलने वाली आधा दर्जन ट्रेनों का परिचालन अब मंडुआडीह से किया गया है। वाराणसी-जंघई रेलखंड की तीन जोड़ी ट्रेनें शामिल हैं। वाराणसी-नई दिल्ली के बीच चलने काशी विश्वनाथ, वाराणसी से ग्वालियर तक बुंदेलखंड व वाराणसी-लोकमान्य तिलक के बीच चलने वाली रत्नागिरी एक्सप्रेस का परिचालन अब बदले ट्रैक से हो रहा है। बुधवार को सुबह साढ़े नौ बजे वाराणसी को जाने वाली ट्रेन से भदोही स्टेशन से दो से ढाई सौ लोग यात्रा करते हैं। टर्मिनल बदलने से लोगों की चिता बढ़ गई थी।व्यवसायी अखिलेश प्रकाश का कहना है कि वाराणसी के प्रमुख बाजार मडुआडिह से अधिक दूर नही हैं। इसी तरह पूर्वांचल का प्रमुख केंद्र बीएचयू भी बिलकुल पास ही है। शिक्षक धीरज सिंह का कहना है कि वापसी में समस्या उत्पन्न हो सकती है। कहा कि मंडुआडीह जाने के बाद ट्रेन छूट गई तो कोई विकल्प नही बचेगा।


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