तहसीलों ने रोका 6500 किसानों का रिपोर्ट कार्ड
किसानों के उत्पादन का उचित मूल्य दिलाने के लिए सरकार की ओर से की जा रही कवायद तहसीलों में भ्रष्ट व्यवस्था के सामने फेल हो गई है। एक ओर जहां शासन की ओर से धान खरीद के लिए किसानों के लिए सुविधा देने के लिए निर्देश दिए जा रहे हैं
महेंद्र दुबे, ज्ञानपुर, भदोही : किसानों के उत्पादन का उचित मूल्य दिलाने के लिए सरकार की ओर से की जा रही कवायद तहसीलों में भ्रष्ट व्यवस्था के सामने फेल हो गई है। शासन की ओर से धान खरीद के लिए किसानों के लिए सुविधा देने के लिए निर्देश दिए जा रहे हैं तो वहीं राजस्व कर्मी बगैर हथेली गरम किए सत्यापन रिपोर्ट नहीं भेज रहे हैं। तीनों तहसीलों में 6540 किसानों की सत्यापन रिपोर्ट नहीं भेजी जा सकी है। यही नहीं सत्यापन करते समय 102 किसानों के गाटा को निरस्त कर दिया गया है।
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किसानों की सुविधा के लिए बनी योजना
कभी अन्नदाता अपने उत्पाद को बेचने लिए कई दिनों तक केंद्रों पर डेरा डाले रहते थे। उनके उत्पादन पर बिचौलियों के साथ ही साथ विभागीय अधिकारियों की नजर लगी रहती थी। शासन ने धान खरीद के लिए ऑनलाइन व्यवस्था लागू की। इसके तहत पंजीकृत किसानों से ही खरीद करने का निर्देश दिया गया। बिचौलियों पर शिकंजा कसने के लिए पंजीकृत किसानों की भूमि का सत्यापन भी तहसीलों से कराया जा रहा है।
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सत्यापन में की जा रही है मनमानी
पंजीकृत किसान ऑनलाइन धान बेचने के लिए आवेदन करते हैं। इसके बाद खाद्य एवं रसद विभाग की ओर से किसानों का सत्यापन तहसील से कराया जाता है। किसान यदि तहसील में जाकर संबंधित राजस्व निरीक्षक से मिलकर हथेली गरम कर देते हैं तो रिपोर्ट पक्ष में चली जाती है। अन्यथा गाटा निरस्त कर दिया जाता है।
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यह है वर्तमान गाटे की स्थिति
तहसील पंजीकृत निरस्त लंबित
भदोही 992 13 992
ज्ञानपुर 2548 00 2404
औराई 3727 102 3144