एक्सप्रेस ट्रेनों पर जमकर पथराव, हड़कंप
गोपीगंज नगर स्थित ज्ञानपुररोड रेलवे स्टेशन पर बुधवार की रात और गुरुवार को भारी भीड़ के कारण बड़ी संख्या में यात्री ट्रेन नहीं पकड़ पाए। इससे आक्रोशित यात्रियों ने दरभंगा-अहमदाबाद जा रही ट्रेन पर पथराव किया। दरअसल पिछले दिनों गुजरात में उत्तर भारतीयों के
जागरण संवाददाता, लालानगर (भदोही) : गोपीगंज नगर स्थित ज्ञानपुर रोड रेलवे स्टेशन पर बुधवार की रात व गुरुवार की सुबह भारी भीड़ के चलते ट्रेन पर सवार न हो सके आक्रोशित यात्रियों ने दरभंगा-अहमदाबाद व दानापुर-उधना एक्सप्रेस ट्रेन पर पथराव कर दिया। इससे स्टेशन पर हड़कंप की स्थिति बनी रही।
दरअसल, पिछले दिनों गुजरात में उत्तर भारतीयों के साथ मारपीट की घटनाओं के चलते बड़ी संख्या में उत्तर भारतीय घर लौट आए थे। दीपावली बाद वे फिर गुजरात की ओर रुख करन लगे तो ट्रेन में भीड़ बढ़ गई। बुधवार की रात दानापुर-उधना को पकड़ने के लिए बड़ी संख्या में लोग स्टेशन पहुंचे थे। ट्रेन खड़ी होने पर सवार यात्रियों द्वारा कई कोच का दरवाजा अंदर से न खोलने व जगह न मिलने पर तमाम यात्री सवार नहीं हो सके। ऐसे में आक्रोशित यात्रियों ने ट्रेन पर ही भड़ांस निकालते हुए पत्थरबाजी कर दी। इसके बाद सुबह पहुंची दरभंगा-अहमदाबाद एक्सप्रेस में भी वही स्थिति देख लोगों ने पथराव कर दिया। पथराव के कारण ट्रेनों की बोगियों में लगे कांच टूटकर बिखर गए। पथराव से स्टेशन पर हड़कंप मच गया। बताते चले कि बिहार से गुजरात व मुंबई जाने वाली सभी ट्रेनें भी जहां ओवरफुल आ रही हैं। ट्रेनों में बैठने की बात तो दूर खड़े होने की भी जगह नहीं मिल पा रही है। जगह न होने तथा स्टापेज स्टेशनों पर होने वाली और भीड़ के भय से बचने के लिए पहले से सवार यात्रियों गेट को अंदर से बंद कर दे रहे हैं। बुधवार को बड़ी संख्या में यात्री सप्ताह में दो दिन चलने वाली दानापुर-उधना एक्सप्रेस जो रात मे लगभग 10.30 आती है तो दरभंगा-अहमदाबाद जनसाधारण एक्सप्रेस के सुबह 5.45 बजे पहुंचने उसमें सवार न हो पाने पर आक्रोशित होकर पथराव करने लगे।
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सुरक्षा-संरक्षा पर उठ रहे सवाल
-पूर्वोत्तर रेलवे के मंडुआडीह-इलाहाबाद रेलखंड स्थित ज्ञानपुर रोड रेलवे स्टेशन पर एक दर्जन से अधिक दूरगामी ट्रेनों का ठहराव होने के बाद भी जीआरपी व आरपीएफ की गैर मौजूदगी पर यात्रियों ने सवालों की बौछार खड़ी कर दी है। एक दिन पहले खिड़की पर लाइन लगाकर टिकट लिए यात्रियों का कहना था कि यदि रेलवे पुलिस की तैनाती स्टेशन पर रही होती तो एक भी यात्री यात्रा से वंचित न हो पाता। साथ ही ट्रेनों की सुरक्षा में लगने वाले जवानों की भी कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में है। लगभग दो दर्जन से अधिक यात्रियों ने सूरत और अहमदाबाद के लिए टिकटों को वापस करने में पसीना छोड़ते रहे।