राहुल भइया के हाथों को मजबूत करिए दादा
प्रयागराज की सरजमीं से पूर्वांचल को साधने निकली कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्वांचल प्रभारी प्रियंका गांधी का भाव हर किसी के दिल को छुने वाला दिखा। उनसे मिलकर सामने वाला यह समझ नहीं पा रहा था कि वह पहली मुलाकात है।
अरविद सिंह
------------
जागरण संवाददाता, ऊंज (भदोही) : प्रयागराज की सरजमीं से पूर्वांचल को साधने निकलीं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्वांचल प्रभारी प्रियंका वाड्रा का भाव हर किसी के दिल को छूने वाला दिखा। उनसे मिलकर सामने वाला यह समझ नहीं पा रहा था कि वह पहली मुलाकात है। सरल और मृदुल भाषा इस तरह लोगों को आकर्षित कर रही थी कि जो एक बार उनसे मिल लिया तो हर किसी से बताते उसके पास शब्द कम पड़ जाते थे। सोमवार को सड़क मार्ग से जब वह कोइरौना बाजार पहुंचीं तो यहां पर पहले से ही इंतजार कर रहे किसानों ने उनके वाहनों के काफिले को रोक दिया। वाहन से निकलीं प्रियंका वाड्रा ने स्थानीय किसान कृष्णानंद मिश्र का झुककर अभिवादन किया और उनके माला को अपने हाथ में लेते हुए द्रवित हो उठीं। एक बारगी उनकी जुबान से निकला कि दादा राहुल भइया के हाथों को मजबूत करिए।
फिर क्या किसान कृष्णानंद ने भी उन्हें इसी अंदाज में जवाब दिया। रुकने और मिलने का तौर तरीका बिल्कुल ही पूर्वांचल की माटी से मेल खा रहा था। ऐसा लग रहा था कि प्रियंका इसी माटी से निकली हों। उनके मुख से निकल रहे शब्द भी अंजान नहीं थे। कृष्णानंद मिश्र बताते हैं कि जिस समय वह प्रियंका से मिले तो ऐसा लग रहा था कि इसके पहले भी उनकी मुलाकात हो चुकी है। उनके अभिवादन और मृदुल भाषा अंजान नहीं स्थानीय लग रहे थे। मुलाकात के बाद प्रियंका गांधी के बड़प्पन का बखान करते कृष्णानंद नहीं थक रहे थे। उनके साथ वंश नारायण मिश्रा, गोली शुक्ला वशिष्ठ मुनि मिश्र, नागेंद्र पांडेय, अजय कुमार राय, बबलू सिंह आदि ने फूल-मालाओं से लादकर स्वागत किया।