चार जवान देख रहे 45 किमी कार्यक्षेत्र
वाराणसी-जंघई रेलखंड स्थित मोढ़ स्टेशन से लेकर लोहता आउटर तक लगभग 45 किमी रेलक्षेत्र के सुरक्षा की जिम्मेदारी महज चार जवानों पर निर्भर है। इससे स्वत ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि रेल सम्पत्ति के सुरक्षा व्यवस्था की क्या स्थिति हो सकती है। विडंबना तो यह है कि भदोही स्टेशन स्थित चौकी से इतने बड़े क्षेत्रफल की निगरानी की जाती है।
जासं, भदोही : वाराणसी-जंघई रेलखंड स्थित मोढ़ स्टेशन से लेकर लोहता आउटर तक लगभग 45 किमी रेलक्षेत्र के सुरक्षा की जिम्मेदारी महज चार जवानों पर निर्भर है। भदोही स्टेशन स्थित चौकी से इतने बड़े क्षेत्रफल की निगरानी की जाती है। वह भी बिना संसाधनों के। आरपीएफ के पास वाहन की सुविधा भी नहीं है। कार्यक्षेत्र में मोढ़, भदोही, परसीपुर, कपसेठी, सेवापुरी, चौखंडी से लेकर लोहता आउटर तक की सुरक्षा व्यवस्था है।
स्टेशनों के साथ साथ रेल पटरियों, रेलवे फाटकों, हाईटेंशन तारों आदि के देखरेख करना तथा गेट खराब होने की स्थिति में फाटक पर यातायात व्यवस्था सुचारू करना जैसे कई कार्य आरपीएफ के जिम्मे हैं। आरपीएफ के पास न वाहन की सुविधा है न ही अन्य संसाधन। चौकी इंचार्ज एके सिंह का कहना है कि लंबे कार्यक्षेत्र व मानक के अनुसार नौ जवानों की नियुक्ति होनी चाहिए लेकिन विभाग में जवानों के अभाव के कारण वर्तमान समय महज चार जवानों की तैनाती है। गेट टूटने की आधा दर्जन घटनाएं हुई। मामलों में मुकदमा दर्ज कर आरोपी वाहन चालकों को गिरफ्तार भी किया गया।