आदर्श गांव की पेयजल परियोजना के हैंडओवर में फंसा पेच
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जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : सांसद आदर्श गांव कौलापुर में 2.50 करोड़ की लागत से तैयार ग्रामीण पेयजल परियोजना को हैंडओवर करने में झाम फंस गया है। निगरानी समिति की बैठक में जहां अफसरों ने हैंडओवर न होने की जानकारी माननीयों को दी, वहीं ग्राम प्रधान का दावा है कि वह आंशिक रूप से हस्तगत कर लिया गया है। बगैर कमीशनिग प्रमाण पत्र पेयजल परियोजना को हस्तगत किए जाने को लेकर जल निगम भी फंसता दिख रहा है। ग्राम पंचायत को हस्तगत कर वह अपनी विभागीय खानापूíत में जुटा हुआ है।
ग्रामीण पेयजल परियोजना कौलापुर को हैंडओवर किया गया है या नहीं। इस सवाल का जवाब अधिकारियों के पास नहीं है। निगरानी समिति की बैठक में खुद डीएम और सीडीओ ने माननीयों को बताया कि अभी तक परियोजना को हैंडओवर नहीं किया गया। इसके बाद से ही विभागीय दफ्तरों में हलचल बढ़ गई। मामले में पोल खुली तो कई लोगों पर गाज गिरनी तय है। मंडलायुक्त ने भी पेयजल परियोजना को लेकर अधिकारियों की क्लास लगाई थी। पेयजल परियोजना को हैंडओवर के ये हैं नियम
ग्रामीण पेयजल परियोजनाओं को हैंडओवर करने के पहले कमीशनिग जांच होती है। जल निगम द्वारा पेयजल परियोजना को हैंडओवर करने के बाद पांच साल तक उसका अनुरक्षण और वसूली आदि किया जाता है। पांच साल बाद उसका संचालन ग्राम पंचायतें करेंगी। इस बीच संचालन को लेकर जल निगम के अधिकारी ग्राम पंचायत के जिम्मेदार व्यक्ति को रजिस्टर, वसूली आदि बनाने की जानकारी देते रहेंगे। जल निगम नियम कानून को ताख पर रखकर पूरा का पूरा काम ग्राम पंचायतों को सौंपकर खानापूíत करने में जुटा है।