जो खतरे में डाल रहे जान, उनका करें सम्मान
वैश्विक समस्या बनी कोरोना वायरस की महामारी को जन सहयोग से ही मात दिया जा सकता है। कारण है कि वायरस पीड़ितों के इलाज का कोई उपाय न होने से बचाव ही सबसे बड़ी दवा है। हा
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : वैश्विक समस्या बनी कोरोना वायरस की महामारी को जन सहयोग से ही मात दिया जा सकता है। कारण है कि वायरस पीड़ितों के इलाज का कोई उपाय न होने से बचाव ही सबसे बड़ी दवा है। हालांकि इसे कैसे रोका जाय, क्या इलाज किया जाय इसे लेकर तमाम कोशिशें जारी हैं। लेकिन इस विषम स्थिति में बचाव को ही कारगर तरीका मानकर लॉकडाउन फोर तक घोषित किया जा चुका है। ऐसी विषम स्थिति में अपनी जान को खतरे में डालकर पीड़ितों के उपचार में लगे चिकित्सक हो या फिर सुरक्षा व्यवस्था में लगे प्रशासनिक व पुलिस के अधिकारी-कर्मचारी। सफाई कर्मी हो अथवा लॉकडाउन में भी लोगों तक समाचार पत्रों के जरिए देश व दुनिया की खबरें पहुंचा रहे अखबार विक्रेता। इस जंग को जीतने के मिशन में लगे इन कर्मयोगियों के सम्मान व उत्साहवर्धन के लिए सभी को आगे आना चाहिए।
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कोरोना वायरस संक्रमण की यह घड़ी बेहद मुश्किल भरी है। ऐसी समस्या कभी नहीं आई थी। जितना इस समय है। कोरोना संकट के इस दौर में घर से निकलने में भय लगता है। इसके बाद भी अपना दायित्व याद आता है तो चल पड़ते हैं लोगों तक अखबार पहुंचाने। भविष्य में भी अपने कर्तव्यों का पालन करते रहेंगे।
चित्र.1---शैलेश तिवारी, समाचार पत्र वितरक
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कोरोना वायरस ने सभी को असहाय कर रखा है। भय के बीच सड़कों से लेकर गली मोहल्लों तक सन्नाटा पसरा रहता है। ऐसे में अखबार वितरण करना भी आसान काम नहीं रह गया है। कोरोना संक्रमण ऐसी बीमारी है कि कब किसके संपर्क में आने से समस्या खड़ी हो सकती है कहा नहीं जा सकता। इसके बाद भी वह अपने कर्तव्य से पीछे हटने वाले नहीं हैं।
चित्र.2---बुद्धू सेठ, समाचार पत्र वितरक
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कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने को लेकर लागू लॉकडाउन ने तमाम लोगों को बेरोजगार कर दिया है। लोग काम छोड़कर महानगरों से गांव पहुंच चुके हैं। उनके सामने काम का संकट खड़ा हो चुका है। ऐसी विषम परिस्थिति में बेरोजगार युवाओं को खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में प्रशिक्षण देकर इस काबिल बनाने का जिम्मा मिला है जिससे वह स्वरोजगार कर सकें। पूरी निष्ठा के साथ अपने दायित्व का निर्वहन करेंगे।
चित्र.3--- सत्यानंद वर्मा, जिला प्रभारी, खाद्य प्रसंसकरण
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देश के नागरिकों को इस संकट से बचाने में चिकित्सक, जवान व सफाई कर्मी पूरी निष्ठा के साथ लगे हैं। समाचार पत्र वितरक भी सुरक्षित तरीके से लोगों तक अखबार पहुंचा रहे हैं। इस संकट की घड़ी में हम कुछ नहीं कर सकते तो अपने घरों में रहकर देश व जनसेवा में लगे इन लोगों के उत्सावर्धन के लिए ताली बजाने से पीछे नहीं हटना चाहिए।
चित्र.4---डॉ. रमेशचंद यादव, प्राध्यापक