Move to Jagran APP

निर्माणाधीन जिला अस्पताल की रिपोर्ट तलब

जनपद में 23 करोड़ की परियोजनाओं के तहत निर्माणाधीन सौ शैय्या संयुक्त जिला अस्पताल व अभोली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को अधर में छोड़कर निर्माण एजेंसी फरार हो चुकी हैं। आलम यह है कि निर्माण में लाखों रुपये की धांधली की दि गई है। जिसके संबंध में परियोजना प्रबंधक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराकर जेल भी भेजा जा चुका है। गत 10 सितंबर को जिले के भ्रमण पर आए सीएम के दूत श्रमायुक्त अनिल कुमार ने मामले को गंभीरता से लेकर मुख्य विकास अधिकारी से निर्माण से संबंधित पूरी रिपोर्ट तलब किया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Sep 2018 09:20 PM (IST)Updated: Sat, 15 Sep 2018 09:20 PM (IST)
निर्माणाधीन जिला अस्पताल की रिपोर्ट तलब
निर्माणाधीन जिला अस्पताल की रिपोर्ट तलब

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : जनपद में निर्माणाधीन सौ शैय्या संयुक्त जिला अस्पताल व अभोली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को अधर में छोड़कर निर्माण एजेंसी गायब हो चुकी हैं। आलम यह है कि निर्माण में लाखों रुपये का घोटाला कर लिया गया है। इस मामले में परियोजना प्रबंधक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराकर जेल भी भेजा जा चुका है तो गत 10 सितंबर को जिले के भ्रमण पर आए सीएम के दूत व जिले के नोडल अधिकारी श्रमायुक्त अनिल कुमार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए निर्माण से संबंधित पूरी रिपोर्ट तलब किया है। मुख्य विकास अधिकारी को रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।

loksabha election banner

नोडल अनिल कुमार ने भ्रमण के दौरान अधर में लटके संयुक्त जिला अस्पताल व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अभोली के निर्माण में अनियमितता को लेकर सख्ती दिखाई है। उनकी ओर से तलब की गई रिपोर्ट में परियोजना के बजट व व्यय धनराशि, कार्यदाई संस्था राजकीय निर्माण निगम की ओर से की गई गड़बड़ी के मामले में कार्रवाई तथा वर्तमान में निर्माण कार्य कराए जाने के संबंध में प्रगति समेत समस्त अभिलेख की मांग की गई है।

जनपद सृजन के दो दशक बाद भी कालीन नगरी भदोही में विकास को लेकर उपेक्षित है। निर्माण एजेंसियों की लापरवाही से परियोजनाओं का निर्माण निर्धारित तिथि के अंदर नहीं किया जा सका। अकेले जिला अस्पताल में नौ करोड़ रुपये का घोटाला कर लिया गया है। इस मामले में दोषी परियोजना प्रबंधक सहित अन्य के खिलाफ ज्ञानपुर कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराने के उपरांत परियोजना प्रबंधक जेल भी जा चुके हैं। निर्माणाधीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अभोली में भी व्यापक पैमाने पर अनियमितता पाई गई है। निर्माण एजेंसी बगैर कार्य कराए ही फरार हो गई। गौरतलब हो कि संयुक्त जिला अस्पताल के निर्माण के लिए शुरुआत में 14 करोड़ व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अभोली के निर्माण के लिए तीन करोड़ रुपये के बजट से वर्ष 2008 में अवमुक्त किया गया था। बाद में दोनों अस्पतालों के निर्धारित बजट को रिवाइज कर संयुक्त जिला अस्पताल के लिए 18 करोड़ 17 लाख व सीएचसी अभोली के लिए चार करोड़ 99 लाख रुपये का प्रोजेक्ट पास कर धन अवमुक्त तो कर दिया गया लेकिन सात जनवरी 2014 से बंद पड़ा निर्माण कार्य अभी तक शुरु नहीं किया जा सका है। शासन की ओर से मामले की जांच जब बंगलौर के निजी संस्था से कराई गई तो बड़ी धांधली खुलकर सामने आई। जांच के दौरान संस्था के मूल्यांकन में वर्तमान में जिला अस्पताल के निर्माण की स्थिति पर केवल नौ करोड़ का व्यय पाया गया। मतलब साफ है कि कार्यदाई संस्था ने बजट के आठ करोड़ रुपये को गड़प कर लिया। हालांकि कार्यदाई संस्था राजकीय निर्माण निगम वाराणसी ने निगम के मीरजापुर कार्यालय में 72 लाख रुपये अंतरित कर दिया था। जिससे संयुक्त जिला अस्पताल के ओपीडी का निर्माण भी करा दिया गया है। लेकिन कर्मियों की कमी से अभी तक ओपीडी चालू नहीं की जा सकी है। नोडल अधिकारी की ओर से तलब की गई रिपोर्ट के बाद अब निर्माण शुरू होने के साथ धांधली को लेकर ठोस कार्रवाई होने की उम्मीद प्रबल हो उठी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.