बुलंद हुई या हुसैन की सदाएं, निकला जुलूस
पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब (सल्ल.) के नवासे इमाम हुसैन की याद में मनाए जाने वाले मोहर्रम के चालीसवें पर चहल्लुम का पर्व रविवार को मनाया गया। शहीदाने कर्बला की याद में जहां जगह-जगह अकीदत व एहतराम के साथ ताजिया जुलूस निकाला गया। वहीं कलाकारों ने फन-ए-सिपहगिरी का उम्दा प्रदर्शन किया।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब (सल्ल.) के नवासे इमाम हुसैन की याद में मनाए जाने वाले मोहर्रम के चालीसवें पर चहल्लुम का पर्व रविवार को मनाया गया। शहीदाने कर्बला की याद में जहां जगह-जगह अकीदत व एहतराम के साथ ताजिया जुलूस निकाला गया। वहीं कलाकारों ने फन-ए-सिपहगिरी का उम्दा प्रदर्शन किया।
खमरिया प्रतिनिधि के अनुसार : नगर का प्रसिद्ध चहल्लुम मेला रविवार को पूरी अकीदत के साथ मनाया गया। सब्जी मंडी के मैदान पर अखाड़ा कल्लू खां व अखाड़ा नियामत खां के कलाकारों के बीच मैदान-ए-कर्बला की याद में फन-ए-सिपहगिरी के शानदार मुकाबले का आयोजन किया गया। अखाड़ों के असलम, राजू, सलीम अंसारी, नसीर अंसारी, साकिब खां व राजू राईन ने भाला, बनेती, लाठी-डंडे आदि के जरिए कला का प्रदर्शन किया। बगीचा मोहल्ले में मेले का आयोजन किया गया तो नगर में ताजिया जुलूस निकालकर भ्रमण किया गया। तत्पश्चात ताजियों को कर्बला पहुंचाकर ठंडा किया गया। मेले में महिलाओं-बच्चों तक ने पहुंचकर खरीदारी की।
बाबूसराय प्रतिनिधि के अनुसार : क्षेत्र के बड़ागांव में चहल्लुम के मौके पर ताजिया जुलूस निकाला गया। गांव स्थित मस्जिद से ताजिया लेकर निकले लोग भ्रमण करते हुए कर्बला पहुंचे। जहां ताजियों को ठंडा किया गया। इस दौरान जुलूस में शामिल युवा-बच्चे या हुसैन की सदाएं बुलंद करते चल रहे थे। वहीं महिलाएं मर्सिया पढ़ती चल रही थी।
ऊंज प्रतिनिधि के अनुसार : क्षेत्र के बिछियां, गोधना, सूफीनगर सहित विभिन्न स्थानों पर चहल्लुम का पर्व मनाया गया। शहीदाने कर्बला की याद में मनाए जाने वाले पर्व को लेकर जहां जुलूस निकाले गए तो अखाड़े के कलाकारों ने फन-ए-सिपहगिरी का प्रदर्शन कर मैदान-ए-कर्बला की याद ताजा की।