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रेलवे को चपत, 292 मुसाफिरों ने रद की यात्रा

प्रयागराज व फाफामऊ के बीच गत 29 जुलाई से चल रहे नान इंटरलाकिग कार्य के चलते वाराणसी-इलाहाबाद वाया भदोही रेलखंड की आधा दर्जन ट्रेनों का परिचालन प्रभावित रहा। इसके कारण जहां रेलवे लाखों की चपत लगी है वहीं सैकड़ों लोग अपनी यात्रा रद करने को विवश हुए। बुधवार को भी मुंबई की दोनों प्रमुख ट्रेने गोरखपुर एक्सप्रेस व कामायनी एक्सप्रेस का परिचालन परिवर्तित मार्ग से हुआ जबकि ग्वालियर से चलकर वाराणसी को जाने वाली डाउन बुंदेलखंड एक्सप्रेस पूरे 6 घंटे के विलंब से आई। इसके कारण वाराणसी जाने वाले सैकड़ों यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा। स्थानीय रेलवे अधिकारियों के अनुसार शुक्रवार से सभी ट्रेनों का परिचालन बहाल हो जाएगा। -------------

By JagranEdited By: Published: Thu, 01 Aug 2019 07:15 PM (IST)Updated: Fri, 02 Aug 2019 06:27 AM (IST)
रेलवे को चपत, 292 मुसाफिरों ने रद की यात्रा
रेलवे को चपत, 292 मुसाफिरों ने रद की यात्रा

जासं, भदोही : प्रयागराज व फाफामऊ के बीच 29 जुलाई से चल रहे नॉन इंटरलाकिग कार्य के चलते वाराणसी-प्रयागराज वाया भदोही रेलखंड की छह ट्रेनों का परिचालन प्रभावित रहा। रेलवे को लाखों की चपत लगी, वहीं 292 यात्रियों ने अपनी यात्रा रद कर दी। उन्होंने टिकट के रुपये वापस ले लिये। बुधवार को भी मुंबई की ट्रेनें गोरखपुर एक्सप्रेस व कामायनी एक्सप्रेस का परिचालन परिवर्तित मार्ग से हुआ। ग्वालियर से वाराणसी जाने वाली डाउन बुंदेलखंड एक्सप्रेस छह घंटे विलंब से पहुंची। रेलवे अधिकारियों के अनुसार शुक्रवार से सभी ट्रेनों का परिचालन बहाल हो जाएगा।

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केस 1 : रयां निवासी सुभाष सिंह ने मुंबई जाने के लिए 15018 गोरखपुर-लोकमान्य तिलक टर्मिनल, गोरखपुर एक्सप्रेस में चार माह पहले तीन सीटें आरक्षित कराई थी। गुरुवार दोपहर 12 बजे वे दो अन्य लोगों के साथ स्टेशन पहुंचे तो पता चला कि ट्रेन का मार्ग डायवर्ट है। रेलवे पर मनमानी का आरोप लगाया। टिकट रिफंड कराने के बाद यात्रा रद कर वापस घर लौट गए। उन्हें तीन अगस्त को नौकरी पर ज्वाइन करना था लेकिन अब समय से उनका पहुंचना मुश्किल हो गया है। केस 2 : जौनपुर के रामपुर निवासी ज्ञानेश चंद्र गुप्ता परिवार के साथ मुंबई जाने को स्टेशन पहुंचे। कामायनी एक्सप्रेस में उनका उनका आरक्षण था। इंक्वायरी पर पता चला कि उनकी ट्रेन भी परिवर्तित मार्ग से जाएगी। बाद में किसी ने राय दिया कि अभी समय है वे वाराणसी जाकर ट्रेन पकड़ सकते हैं। मरता क्या न करता, आनन फानन में टैक्सी बुक कर वे वाराणसी को रवाना हो गए। इसके लिए उन्हें 12 सौ रुपये अतिरिक्त खर्च करना पड़ा।

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रोजाना रेलवे झेल रहा नुकसान

48 घंटे में 42 यात्रियों ने टिकट रिफंड कराया। जनरल टिकट पर यात्रा करने वाले ढाई सौ यात्री निराश होकर वापस लौटे। आरक्षित यात्रियों के पूरे पैसे की वापसी व जनरल टिकट की खरीदारी न होने से रेलवे को दो से ढाई लाख की चपत लगी। बताते चलें कि कामायनी, गोरखपुर एक्सप्रेस के अलावा सारनाथ एक्सप्रेस को भी परिवर्तित मार्ग से चलाया जा रहा जबकि गाजीपुर से प्रयागराज चलने वाली सवारी गाड़ी डीएमयू 30 जुलाई से रद है। प्रभारी स्टेशन अधीक्षक आलोक कुमार के अनुसार शुक्रवार को ट्रेनों का परिचालन बहाल हो जाएगा।


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