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प्रधानों ने नहीं दिया ग्रामीण पेयजल परियोजनाओं का प्रस्ताव

हर घर में नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल पहुंचाने की केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना फेल साबित हो रही है। आलम यह है कि अभी तक जनपद के प्रधानों की ओर से ग्रामीण पेयजल परियोजना को लेकर प्रस्ताव और ग्रामीणों की ओर से सहमति पत्र भी उपलब्ध नहीं कराया गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Mar 2020 04:39 PM (IST)Updated: Mon, 23 Mar 2020 04:39 PM (IST)
प्रधानों ने नहीं दिया ग्रामीण पेयजल परियोजनाओं का प्रस्ताव
प्रधानों ने नहीं दिया ग्रामीण पेयजल परियोजनाओं का प्रस्ताव

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : हर घर में नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल पहुंचाने की केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना फेल साबित हो रही है। आलम यह है कि अभी तक जनपद के प्रधानों की ओर से ग्रामीण पेयजल परियोजना को लेकर प्रस्ताव और ग्रामीणों की ओर से सहमति पत्र भी उपलब्ध नहीं कराया गया है।

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केंद्र सरकार की ओर से हर घर में नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की योजना संचालित की गई है। इसके तहत प्रत्येक गांव में ग्रामीण पेयजल योजना संचालित की जाएगी। इसमें गांव के लोगों से भी सहमति पत्र लिया जाएगा। प्रोजेक्ट के निर्माण में स्वीकृत बजट के सापेक्ष ग्राम सभा को अंशदान भी देना होगा। यह अंशदान ग्रामीणों से लिया जाएगा। जिला विकास अधिकारी जयकेश त्रिपाठी ने प्रत्येक ब्लाकों में बैठक कर प्रधान और सचिवों को परियोजना को लेकर प्रशिक्षित भी कर चुके हैं। इसके बाद भी अभी तक किसी भी प्रधान की ओर से प्रस्ताव उपलब्ध नहीं कराया गया। नोडल विभाग जल निगम के अधिकारी भी उदासीन बने हुए हैं।

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हैंडपंप रीबोर में चल रहा खेल

शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए खराब हैंडपंपों के रीबोर में खेल चल रहा है। नियमानुसार जब ग्रामीण पेयजल परियोजना संचालित होने लगेगी तो हैंडपंप रीबोर आदि को प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। विधायक निधि और अन्य मदों से लगने वाले हैंडपंपों पर रोक लगा दी है। प्रधान रीबोर के नाम पर हैंडपंप अधिष्ठापित करवा रहे हैं। एक हैंडपंप को रीबोर कराने के बाद बीस से 30 हजार रुपये तक भुगतान किया जा रहा है। एक-एक गांव में 50 से लेकर 60 हैंडपंप रीबोर कराकर लाखों का वारा न्यारा कर दिया जा रहा है। चेतावनी के बाद भी ग्राम पंचायतें रीबोर हैंडपंपों का आंकड़ा उपलब्ध नहीं करा पा रही है।

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आने वाले दिनों में हैंडपंप अधिष्ठापित कराने की व्यवस्था खत्म हो जाएगी। सरकार की मंशा है कि नल से हर घरों में पानी पहुंचाया जाए। अवर अभियंताओं को हटाए जाने के कारण बहुत दिक्कत हो रही है। सोनभद्र से दो अवर अभियंता बुलाए गए हैं। गांवों में उन्हें लगाकर प्रस्ताव और सर्वे कार्य कराए जाएंगे। बहरहाल अभी तक इस योजना को लेकर ग्राम प्रधान गंभीर नहीं हैं।

-बिहारी लाल अग्रवाल, अधिशासी अभियंता, जल निगम।


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