पुलिस हो चुकी है अपसेट, फेसबुक पर हत्यारोपित अपडेट
जागरण संवाददता, ज्ञानपुर (भदोही) : देश में कोई शासक-प्रशासक कितना भी फरमान जारी कर दे अथवा सर्वोच्च
जागरण संवाददता, ज्ञानपुर (भदोही) : देश में कोई शासक-प्रशासक कितना भी फरमान जारी कर दे अथवा सर्वोच्च अदालत कार्यशैली पर टिप्पणी कर दे लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस के रवैया में सुधार संभव नहीं है। एक गरीब, कम पढ़े लिखे लोग अथवा अंजान या फिर तनिक सी लापरवाही पर कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी हो जाता है तो वर्दीधारी रात में छापेमारी कर गिरफ्तारी कर पुलिस के व्हाट्एसप ग्रुप पर सराहनीय कार्य बताने से बाज नहीं आते हैं, लेकिन छह माह से उनके डिपार्टमेंट के एक हत्यारोपित प्रभारी निरीक्षक की गिरफ्तारी करने का स्वांग किया जा रहा है। इस बात का खुलासा तब हुआ जब हत्यारोपित इंस्पेक्टर सुनील कुमार वर्मा अपनी फैमिली के साथ चौदह घंटे पहले सासाराम बिहार स्थित बौद्ध स्थल की फोटो फेसबुक पर अपडेट कर दिया। यह फेसबुक अकाउंट खुद हत्यारोपित इंस्पेक्टर ही संचालित कर रहा है।
गोपीगंज नगर स्थित फूलबाग निवासी अशोक मिश्र और रामजी मिश्र दो सगे भाइयों के बीच 29 जून 2018 को शौचालय को लेकर सुबह विवाद हो गया था। महिलाओं में हुई मारपीट के बाद अशोक ने पहले ही कोतवाली पहुंच कर शिकायत दर्ज कराई थी। वह कोतवाली पहुंचा ही था कि उसके पीछे-पीछे रामजी भी कोतवाली पहुंच गए थे। इसी बीच रामजी मिश्र की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई थी। मृतक की पुत्री रेनू मिश्रा आदि ने आरोप लगाया कि पुलिस ने मारपीट कर उसे हवालात में डाल दिया जिससे उसके पिता की मौत हो गई। इस मामले में प्रभारी निरीक्षक के खिलाफ हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज कर दिया था। इसके बाद भी पुलिस आरोपित की गिरफ्तारी नहीं कर पा रही है। कोर्ट से गैर जमानती वारंट होने के बाद भी पुलिस महज खानापूर्ति कर रही है। जानकारों का कहना है कि यदि किसी सामान्य व्यक्ति की बात होती तो पुलिस दबाव बनाने के लिए परिवार के लोगों को ही थाने में बैठा लेती। हालांकि अपर पुलिस अधीक्षक डा. संजय कुमार का कहना है कि गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग टीमें लगी हैं। दो-तीन दिन में आरोपित की गिरफ्तारी कर ली जाएगी।