जांच में पुलिसिया खेल, गठित एजेंसियां फेल
हादसा हो या फिर सांप्रदायिक दंगा। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को कहते देर नहीं लगती कि टीम गठित कर जांच कराई जा रही है जैसे ही रिपोर्ट आएगी कार्रवाई की जाएगी।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : हादसा हो या फिर सांप्रदायिक दंगा। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को कहते देर नहीं लगती कि टीम गठित कर जांच कराई जा रही है, जैसे ही रिपोर्ट आएगी कार्रवाई की जाएगी। बड़े से बड़े मामलों में जांच टीम गठित कर अधिकारी फौरी कार्रवाई का स्वांग करने में जुट जाते हैं। कुछ दिन तक तो सक्रियता दिखती है लेकिन जैसे-जैसे समय गुजरता जाता है मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। केस 1 : चौरी थाना क्षेत्र के रोटहां गांव में 23 फरवरी को विस्फोट से भवन मालिक आदिब, इरफान के अलावा दस बुनकरों की मौत हो गई थी। मामले की जांच करने के लिए एटीएस, फोरेंसिक टीम आदि एजेंसियां पहुंच गई थी और नमूना भी लेकर लैब में भेजा है। तीन माह बाद भी विस्फोट के कारणों और प्रयुक्त हो रहे खतरनाक केमिकल का खुलासा नहीं हो सका है। घटनास्थल मिले संदिग्ध वस्तु को लेकर भी तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे। केस 2 : ज्ञानपुर कोतवाली क्षेत्र के लखनों गांव के पास 12 जनवरी 2019 को शोला बनी वैन में 19 बच्चे झुलस गए थे। इसमें से तीन बच्चों की मौत हो गई थी। पुलिस अधीक्षक राजेश एस ने मामले को लेकर एसआइटी टीम गठित की थी। धीरे-धीरे तीन माह बीत गए लेकिन अभी तक एसआइटी की रिपोर्ट नहीं आई। डीएम की ओर से भी सहायक संभागीय अधिकारी और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के खिलाफ शासन को रिपोर्ट भी भेजी थी, कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। केस 3 : ज्ञानपुर कोतवाली क्षेत्र के पुरानी बाजार में 22 अक्टूबर को विस्फौट हो गया था। इसमें छांगुर नामक व्यक्ति की अंगुलियां उड़ गई थी। पुलिस अभी तक घटना के कारणों को स्पष्ट नहीं कर सकी। इसी क्रम में गोपीगंज क्षेत्र के बैदा बाजार में भी संदिग्ध परिस्थिति में विस्फोट हो गया था। सराफा व्यवसायी का बिल्डिग ही उड़ गई थी। मामला ठंडे बस्ते में है।