कामायनी का रुट डायवर्ट होने से यात्रियों को दिक्कत
वाराणसी से लोकमान्य तिलक टर्मिनल के बीच चलने वाली रेलखंड की प्रमुख ट्रेन कामायनी एक्सप्रेस का परिचालन मार्ग बदलने से मुंबई जाने वाले यात्रियों की समस्या बढ़ गई है। भदोही सहित आसपास के लोग जहां वाराणसी अथवा ज्ञानपुर रोड स्टेशन जाकर ट्रेन पकड़ने को विवश हैं वहीं जानकारी के अभाव में प्रति दिन सैकड़ों साधारण यात्री स्टेशन से बैरंग लौट रहे हैं।
जागरण संवाददाता, भदोही: वाराणसी से लोकमान्य तिलक टर्मिनल के बीच चलने वाली रेलखंड की प्रमुख ट्रेन कामायनी एक्सप्रेस का परिचालन मार्ग बदलने से मुंबई जाने वाले यात्रियों की समस्या बढ़ गई है। भदोही सहित आसपास के लोग जहां वाराणसी, अथवा ज्ञानपुर रोड स्टेशन जाकर ट्रेन पकड़ने को विवश हैं वहीं जानकारी के अभाव में प्रति दिन सैकड़ों साधारण यात्री स्टेशन से बैरंग लौट रहे हैं।
उधर प्रतिदिन मुंबई के जाने वाली एकमात्र ट्रेन गोरखपुर एक्सप्रेस में यात्रियों का दबाव बढ़ गया है। दशकों से वाराणसी-इलाहाबाद वाया भदोही रेलखंड से चलने वाली उक्त गाड़ी को पहले तो मार्ग परिवर्तन कर अस्थाई रूप से मडुआडीह-इलाहाबाद वाया ज्ञानपुर रोड से चलाया जा रहा था लेकिन अब उसे स्थाई रूप से उसी मार्ग पर चलाने की योजना बना ली गई है। परिणामस्वरूप रेलखंड की बेहद महत्वपूर्ण ट्रेन की सेवा से भदोही, सुरियावा, मोढ़, चौरी सहित पड़ोसी जनपद जौनपुर के रामपुर, जमालापुर, बरसठी, मडियाहूं तक के यात्री वंचित हो रहे हैं। उक्त ट्रेन से बड़ी संख्या में लोग मुंबई आवागमन करते थे लेकिन अब उनके सामने समस्या उत्पन्न हो गई है। उधर होली पर्व के बाद मुंबई के परदेशियों की वापसी हो रही है। ऐसे में लोगों के सामने गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। आरक्षण कराने वाले यात्री जहां वाराणसी अथवा ज्ञानपुर रोड स्टेशन जाकर ट्रेन पकड़ने को विवश हैं वहीं साधारण टिकट पर यात्रा करने वाले गोरखपुर-दादर के बीच चलने वाली गोरखपुर एक्सप्रेस में जगह की तलाश कर रहे हैं। हालांकि कामायनी के बाद प्रतिदिन चलने वाली गोरखपुर एक्सप्रेस ही एकमात्र ट्रेन है। यही कारण है कि उसमें भारी भीड़ हो रही है। उधर जानकारी के अभाव में अब भी प्रतिदिन सैकड़ों यात्री कामायनी एक्सप्रेस से यात्रा के लिए स्टेशन पहुंच रहे हैं लेकिन उन्हें निराशा का सामना करना पड़ रहा है। इसे लेकर यात्रियों में व्यापक रोष है। लोगों का कहना है कि कामायनी एक्सप्रेस के पुन: रेलखंड पर वापसी के लिए जनप्रतिनिधियों को प्रयास करना चाहिए।