भारत बंद का आंशिक असर, अधिकतर दुकानें खुलीं
पेट्रो मूल्यों में वृद्धि, महंगाई को लेकर कांग्रेस के आह्वान कर सोमवार को भारत बंद का कालीन नगरी पर आंशिक प्रभाव रहा। अधिकतर दुकानें जहां खुली रहीं वहीं कांग्रेस सहित विभिन्न दलों, संगठनों विरोध प्रदर्शन कर बंद का समर्थन किया। कांग्रेसियों ने जुलूस निकालकर पीएम का प्रतीक पुतला फूंका तो सपा ने तहसील
जागरण संवाददाता, भदोही: पेट्रोलियम पदार्थों के मूल्य वृद्धि से बढ़ी महंगाई को लेकर कांग्रेस के आह्वान कर सोमवार को भारत बंद का कालीन नगरी पर आंशिक प्रभाव रहा। अधिकतर दुकानें जहां खुली रहीं, वहीं कांग्रेस सहित विभिन्न दलों, संगठनों विरोध-प्रदर्शन कर बंद का समर्थन किया। कांग्रेसियों ने जुलूस निकालकर पीएम का प्रतीक पुतला फूंका तो सपा ने तहसील में विरोध प्रदर्शन किया। वामदलों तथा अन्य संगठनों ने भी विरोध में जुलूस निकाले। इस दौरान सरकार को जमकर कोसा गया।
कांग्रेसी मशाल रोड कार्यालय से जूलूस की शक्ल में निकले तथा अजीमुल्लाह चौराहे पर लोगों को दुकान बंद करने का आह्वान किया। हालांकि दुकानदारों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा। परिणामस्वरूप कांग्रेसी स्टेशन रोड होते हुए रेलवे स्टेशन पहुंचे तथा स्टेशन के बाहर पीएम का प्रतीक पुतला फूंककर विरोध-प्रदर्शन किया। मूल्य वृद्धि के खिलाफ सभा कर भाजपा सरकार विरोधी नारेबाजी की गई। इस मौके पर मुशीर इकबाल, मसूद आलम, करमचंद ¨बद, संजीव दुबे, डा निजामुद्दीन मंसूरी आदि थे।
सपाजन सुबह से ही रजपुरा चौराहे पर जमा होने लगे थे। लगभग 11 बजे जुलूस की शक्ल में तहसील परिसर पहुंचे तथा पेट्रो मूल्यों में वृद्धि, महंगाई तथा राफेल घोटाले को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। सरकार के नीतियों को गरीब, मजदूर, किसान, छात्र, नौजवान व गृहणियों के विरुद्ध बताया। पूर्व विधायक जाहिद बेग ने केंद्र के साथ साथ प्रदेश सरकार को भी निशाने पर रखा। इस दौरान राज्यपाल को संबोधित 22 सूत्रीय मांगपत्र उपजिलाधिकारी की अनुपस्थिति में तहसीलदार रामजी कौ सौंपा गया। इस मौके पर पूर्व ब्लाक प्रमुख विकास यादव, नई बाजार नगर पंचायत अध्यक्ष विजय सोनकर, डा आरके पटेल, शोभनाथ यादव, हसनैन अंसारी आदि थे। उधर वाम दलों ने स्टेशन रोड स्थित पकरी तिराहे से जुलूस निकाला तथा नारेबाजी करते हुए अजीमुल्लाह चौराहे पर पहुंचे तथा सभा की। इस दौरान केंद्र व प्रदेश सरकार उनके निशाने पर रही। भाकपा (माले), भाकपा, भाकपा (लेनिनवादी) सहित अन्य संगठनों के लोग जुलूस में शामिल रहे। इस मौके पर इंद्रदेव पाल, इजहार खां, रामजीत यादव, भूलाल पाल, कबूतरा देवी आदि थे।
अधिवक्ता भी उतरे समर्थन में
विभिन्न मुद्दों को लेकर विपक्ष के भारत का बंद तहसील के कुछ अधिवक्ताओं ने भी समर्थन किया। इस दौरान परिसर में जमा हो कर लोगों ने सरकार विरोधी नारे लगाए। हालांकि अधिकतर अधिवक्ता अपने काम काज में जुटे रहे। विरोध प्रदर्शन करने वालों में ओमप्रकाश, मोतीलाल, प्रदीप कुमार, विनय कुमार, धर्मराज गुप्ता आदि थे।