फुलवारी का मंचन देख हुए अभिभूत
गुरु विश्वामित्र के साथ जनकपुरी पहुंचने पर महर्षि गौतम के श्राप से शिला हुई। अहिल्या का उद्धार प्रभु श्रीराम के चरणरज के छूते ही हो गया। ज्ञानपुर के ऐतिहासिक रामलीला में मंगलवार की रात में अहिल्या उद्धार व फुलवारी का मंचन देख दर्शक अभिभूत हो उठे। महामुनि विश्वामित्र के यज्ञ की रक्षा के दौरान राक्षसों का बध करने के पश्चात तथा मार्ग में ताड़का का वध के बाद प्रभु श्रीराम भ्राता लखन लाल के साथ जनकपुरी पहुंचते हैं। मार्ग में ही गुरु ने उन्हें अहिल्या और गौतम ऋषि की कथा बड़े ही मार्मिक ढंग से सुनाते हैं।
जासं, ज्ञानपुर (भदोही) : ज्ञानपुर की ऐतिहासिक रामलीला में मंगलवार की रात अहिल्या उद्धार व फुलवारी का मंचन देख दर्शक अभिभूत हो उठे। विश्वामित्र के यज्ञ की रक्षा के दौरान राक्षसों का वध और ताड़का का वध के बाद प्रभु श्रीराम भ्राता लखन लाल के साथ जनकपुरी पहुंचते हैं। मार्ग में ही गुरु ने उन्हें अहिल्या और गौतम ऋषि की कथा मार्मिक ढंग से सुनाते हैं। जनकपुरी में शिवारुपी अहिल्या के उद्धार के पश्चात दोनों भाई गुरु की आज्ञा लेकर जनकपुरी देखने जाते हैं। मीनाबाजार की प्रस्तुति देख श्रद्धासुमन भाव विह्वल हो उठे। इसके पश्चात गुरु की पूजा के लिए फूल लेने दोनों भाई फुलवारी जाते हैं। जहां मां जानकी भी गौरी पूजन को आती हैं।
खमरिया प्रतिनिधि के अनुसार नगर में चल रहे रामलीला में मंगलवार को श्रीराम जन्म व अन्य प्रसंग का मंचन हुआ। इस अवसर पर व्यास रंगनाथ शर्मा, शिव शंकर, संजीव जयसवाल, अशीष जयसवाल, चंदन व शिवाकांत आदि मौजूद रहे।