जीएसटी पंजीकृत फर्म ही सिलेंगी बच्चों का यूनिफार्म
परिषदीय स्कूलों में बच्चों को बंटने वाले यूनिफार्म के वितरण में मनमानी का खेल जग-जाहिर है। यहां तक की जीएसटी की चोरी तक कर ली जाती है। शासनादेश से इतर वितरण में लगी संस्थाओं की ओर से बच्चों की नाप कराकर व सिलाने के बजाय रेडीमेड यूनिफार्म बांट दिया जाता है। इस तरह की उठती शिकायतों के बाद पारदर्शिता बनी रहे।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : परिषदीय स्कूलों में बच्चों को बंटने वाले यूनिफार्म के वितरण में मनमानी का खेल जग-जाहिर है। यहां तक की जीएसटी की चोरी तक कर ली जाती है। शासनादेश से इतर वितरण में लगी संस्थाओं की ओर से बच्चों की नाप कराकर व सिलाने के बजाय रेडीमेड यूनिफार्म बांट दिया जाता है। इस तरह की उठती शिकायतों के बाद पारदर्शिता बनी रहे। राजस्व की चोरी भी न होने पाए। इसे लेकर वाणिज्यकर विभाग गंभीर है और शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। जीएसटी पंजीकृत फर्मों से ही यूनिफार्म की सिलाई कराने का फरमान जारी किया है। विभाग ने इससे संबंधित पत्र बीएसए कार्यालय को भेजा है ताकि बच्चों को सिला यूनिफार्म मिल सके तो विभाग को मिलने वाली जीएसटी से राजस्व भी बढ़ सके।
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ताक पर रखा गया नियम
शैक्षिक सत्र 2019-20 में परिषदीय स्कूलों में अध्ययनरत नौनिहालों को यूनिफार्म वितरण के लिए करीब नौ करोड़ रुपये की धनराशि क्या जारी हुई मानों मनमानी की खुली छूट दे दी गई है। नियमानुसार नौनिहालों की नाप-जोख कर यूनिफार्म की सिलाई करानी थी। शासनादेश को ताक पर रखकर अधिकारियों और सप्लायरों ने मनमानी तरीके से थोक के भाव स्कूलों में यूनिफार्म भेजवाकर वितरण करा दिया। नौनिहालों का नाप ठीक न होने से किसी के बटन टूट गए तो किसी की चैन ही खराब हो गई है। किसी का पैंट छोटा पड़ गया तो किसी का शर्ट।
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मंडलायुक्त ने भी जताई थी आपत्ति
-पिछले दिनों औराई ब्लाक के घोसिया स्थित परिषदीय विद्यालय का औचक निरीक्षण करने पहुंचे तत्कालीन मंडलायुक्त ने भी बच्चों के यूनिफार्म को देखकर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी। उन्होंने कहा था कि वर्तमान समय में प्रति यूनिफार्म 300 मिल रहे हैं। कपड़े देखने से ही लग रहा है कि इसकी कीमत 100 रुपये से अधिक नहीं है। चेताया था कि यूनिफार्म वितरण में धांधली बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बहरहाल इसके बाद भी किसी पर कोई असर नहीं पड़ा।
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- पंजीकृत फर्म से यूनिफार्म की सिलाई न कराकर जीएसटी चोरी किए जाने की शिकायत अधिवक्ता आदर्श त्रिपाठी ने की थी। बेसिक शिक्षा विभाग को जीएसटी पंजीकृत संस्था से ही यूनिफार्म की सिलाई कराने के लिए पत्र भेजा गया है।
-संजय कुमार सिंह, असिस्टेंट कमिश्नर वाणिज्यकर।