फरियादियों को लगाया लापरवाही का शॉक
दिन मंगलवार समय सुबह 9.45 बजे। स्थान सिविल लाइन विद्युत उपखंड कार्यालय। बाबूओं के कार्यालय खुले थे पर अधिकारियों के कार्यालयों पर ताले लटकते मिले। एक्सइएन 10 बजे तक पहुंचे जबकि एसडीओ सहित अवर अभियंताओं का अता पता नहीं था। यहां तक उनके कार्यालयों के ताले भी नहीं खुले थे। बाबूओं के दफ्तर तो खुले थे लेकिन कुर्सियां खाली पड़ी थीं क्यों कि वे पहुंचे नहीं थे। उधर आवश्यक कार्यों से कार्यालय पहुंचे कई लोग इधर उधर बैठे अधिकारियों के आने का इंतजार करते रहे। अधिकारियों के लेटलतीफ रहने की यह एक बानगी है
जासं, भदोही : मंगलवार को सुबह 9.45 बजे सिविल लाइन विद्युत उपखंड कार्यालय में लिपिकों के कमरे खुले थे, लेकिन अफसरों के केबिन खाली थे। अधिशासी अभियंता सुबह 10 बजे तक पहुंचे जबकि एसडीओ सहित अवर अभियंताओं का कोई पता नहीं था। उनके कार्यालयों के ताले भी नहीं खुले थे। आवश्यक कार्यों से कार्यालय पहुंचे कई लोग इधर उधर बैठे अधिकारियों के आने का इंतजार करते रहे। मुख्यमंत्री का आदेश है कि अधिकारी सवेरे नौ से 11 बजे तक अपने दफ्तरों में बैठे। जनता की शिकायतों का समाधान करें।
मंगलवार को कार्यालयों में अधिकारियों की उपस्थिति देख जाहिर हुआ कि मुख्यमंत्री के आदेश का अधिकारियों पर कोई प्रभाव नहीं है। कार्यालय पहुंचने व जनता की समस्याओं के समाधान को लेकर अधिकारी गंभीर नहीं हैं। बकाया भुगतान, बिलों में त्रुटियों को दुरुस्त कराने सहित विभिन्न कार्यों को लेकर उपखंड कार्यालय पहुंचे उपभोक्ताओं को निराशा का सामना करना पड़ा। कुछ लोग जहां वापस लौट गए वहीं कुछ आसपास चायपान की दुकानों पर बैठकर अधिकारियों का इंतजार करते रहे। विभिन्न समस्याओं को लेकर आने वालों का कहना है कि विभागीय अधिकारियों की लेटलतीफ आम बात है। लगभग दस बजे अधिशासी अभियंता रामकुमार पहुंचे। उन्होंने बताया कि सम्पूर्ण समाधान दिवस में भागीदारी के लिए निकलना है। अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों कुछ अता पता नहीं था।