गंगा पर पीपा पुल के लिए अभी और करना होगा इंतजार
लोक निर्माण विभाग की ओर से बकाया भुगतान न होने पर कंट्रैक्टर ने नाव संचालन को रोक दिया है। पिछले एक माह से सरकारी नाव संचालित न होने से प्राइवेट नाविकों की चांदी कट रही है।
-विभागीय उदासीनता के चलते आम जनता सुविधा से है दूर
जागरण संवाददाता, गोपीगंज (भदोही) : लोक निर्माण विभाग की ओर से बकाया भुगतान न होने पर कंाट्रैक्टर ने नाव संचालन को रोक दिया है। पिछले एक माह से सरकारी नाव संचालित न होने से प्राइवेट नाविकों की चांदी कट रही है। आलम यह है कि गंगा में जल का दायरा बढ़ने पर 40 पीपा कम हो गए हैं। अब विभाग के अधिकारी जल कम होने के इंतजार में हैं। विभागीय उदासीनता के चलते आम जनता को सुविधा नहीं मिल पा रहा है।
रामपुर और धनतुलसी गंगा घाट पर पीपा पुल का निर्माण कराया जाता है। इससे जनपद वासियों को गंगा पार के क्षेत्रों में जाने की सुविधा मिल जाती है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि पीपा पुल निर्माण से दो प्रदेशों की दूरी कम हो जाती है। नियमानुसार पीपा पुल निर्माण करने वाला कंट्रैक्टर को ही सरकारी को ही पूरे साल नाव की व्यवस्था करनी होती है। जब तक पीपा पुल चल रहा है तब तो उसका उपयोग लोग करते हैं लेकिन बारिश में पीपा पुल बंद होने पर नाव अथवा स्टीमर का संचालन किया जाता है। इसकी जिम्मेदारी भी संबंधित कंट्रैक्टर की होती है। एक माह से रामपुर और धनतुलसी में बकाया होने के कारण नाव संचालन पर रोक लगा दिया है। इससे आने-जाने वालों को भारी दिक्कत उठानी पड़ रही है। प्राइवेट नाविक मनमानी तरीके से सवारियों को लादकर गंगा पार ले जा रहे हैं। किसी भी समय बढ़ी घटना से इनकार नहीं किया जा सकता है। अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग हीरामणि वर्मा का कहना है कि पीपा पुल निर्माण के लिए निर्देशित किया जा चुका है। कम पड़े पीपा के लिए भी डिमांड किया गया है।
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अस्थायी पुल निर्माण के लिए 40 पीपे कम
- दरअसल कटान के कारण दोनों छोरों की दूरी पहले से अधिक बढ़ गई है। यही नहीं बारिश होने से गंगा जल का दायरा भी बढ़ गया है। वैसे महज नब्बे पीपे में पुल तैयार हो जाता है। इस बार दायरा बढ़ने से अकेले रामपुर घाट पर 20 पीपे की आवश्यकता है। इस प्रकार धनतुलसी को मिलाकर 40 पीपा कंट्रैक्टर को चाहिए। विभागीय अधिकारी पीपा ही उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं।