अब नौ आरआइ संभालेंगे 253 लेखपालों का काम
तिलंगा गांव के शीतला प्रसाद पांडेय की निजी भूमि पर उनका पड़ोसी नादखूंटा जबरिया रख लिया है। संपूर्ण समाधान दिवस और तहसील दिवस में शिकायत किए लेकिन लेखपालों को हड़ताल पर जाने से मामला लटक गया है।
केस 1 : औराई गांव के मंगरूराम जायसवाल ने हैसियत प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया है। लेखपालों के हड़ताल पर जाने से वह केवल तहसीलों में चक्कर काट रहे हैं। केस 2 : मतेथू की पूनम को छात्रवृत्ति और प्रतियोगी परीक्षा में निवास प्रमाण पत्र लगाने के लिए आवेदन की थी। धीरे-धीरे एक पखवारा बीत गया लेकिन अभी तक रिपोर्ट न लगने से उसे प्रमाणपत्र नहीं मिला। आवेदन की तिथि भी खत्म हो गई। केस 3 : प्रताप सिंह मतेथू गांव के निखिल पुत्र अनिरूद्ध छात्रवृत्ति में आवेदन करने के लिए आय प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया था। धीरे-धीरे एक पखवारा से अधिक का समय बीत गया लेकिन अभी तक रिपोर्ट नहीं लगी। छात्रवृत्ति नहीं मिल सकी।
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महेंद्र दुबे, ज्ञानपुर, भदोही
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तिलंगा गांव के शीतला प्रसाद पांडेय की निजी भूमि पर उनका पड़ोसी नाद, खूंटा जबरिया रख लिया है। संपूर्ण समाधान दिवस और तहसील दिवस में शिकायत किए लेकिन लेखपालों को हड़ताल पर जाने से मामला लटक गया है। गांव के लेखपाल को निलंबित कर दिया गया है। यह तो बानगी भर है। जिले में ऐसे कई ग्रामीण व शहरी हैं जिनके काम लेखपालों के हड़ताल पर चले जाने से फंस गया है। दिव्यांग और बूढ़ों को पेंशन नहीं मिल रही, जबकि छात्रों को शुल्क प्रतिपूर्ति। हैसियत, जाति और अधिवास प्रमाण पत्र भी नहीं बन पा रहे हैं। लोग परेशान हैं और वे चक्कर लगा रहे हैं तहसीलों के। अब इस परेशानी से निकलने के लिये जिला प्रशासन ने नया पैंतरा निकाला है। अब 253 लेखपालों का कार्य जिले के नौ आरआइ (रेवेन्यू आफिसर) के कंधे पर डाल दिया गया है। वे बिगड़ चुके तहसीलों के काम खत्म करेंगे। चूंकि उनके पास खुद ही कई काम हैं, इसलिये यह जिम्मेदारी उन्हें बोझ जैसी लग रही है और इसमें परेशान गरीब हो रहा है।
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अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं लेखपाल, खिचेगा मामला
तीनों तहसीलों में तैनात लेखपाल अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं, इसलिये परेशानी अभी और बढ़ेगी। शासन से प्रतिबंधित होने के बाद भी वह काम पर नहीं लौट रहे हैं। लेखपालों को हड़ताल पर जाने से संपूर्ण थाना समाधान दिवस और तहसील दिवस में आए मामलों का निस्तारण नहीं किया जा सका है।
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रजिस्टार कानूनगो की रिपोर्ट पर सवाल
जिला प्रशासन की ओर से आरआइ कानून को भले ही लगा दिया गया है लेकिन उनके रिपोर्ट पर सवाल उठना लाजिमी है। क्षेत्रीय लेखपाल रिपोर्ट लगाने के पहले आवेदक को व्यक्तिगत रूप से भी जानते हैं। विकल्प के रूप में आरआइ मनमानी तरीके से रिपोर्ट लगा रहे हैं। जाति-आय और निवास के अलावा हैसियत प्रमाणपत्र सरीखे गंभीर आवेदनों पर बगैर व्यक्तिगत रूप से जाने रिपोर्ट कैसे लग जा रही है। शायद इसका जवाब भी किसी के पास नहीं होगा। हालांकि एक कानूनगो का कहना है कि राजस्व अभिलेख और कुटुंब रजिस्टर में आवेदक और उसके पिता का नाम और जाति जरूर रहता है। इसके बाद भी आवेदक इस बात का हलफनामा देता है कि आवेदन में तथ्य झूठ होने पर आवेदन निरस्त कर दिया जाए।
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कहां कितने प्रकरण लंबित
5848 : मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला
5095 : वृद्धावस्था पेंशन
2084 : निराश्रित महिला पेंशन
1653 : दिव्यांग पेंशन
491 : निवास प्रमाणपत्र
394 : आय जाति प्रमाणपत्र
307 : जाति प्रमाण पत्र
145 : हैसियत प्रमाण पत्र
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