12 सचिव व 90 रोजगार सेवकों को नोटिस
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) की रफ्तार सुस्त पड़ गई है। योजना के क्रियान्वयन को लेकर ग्राम प्रधान और अधिकारी उदासीन हैं।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) की रफ्तार सुस्त पड़ गई है। योजना के क्रियान्वयन को लेकर ग्राम प्रधान और अधिकारी उदासीन हैं। सचिव व रोजगार सेवक काम के प्रति कोई रूचि नहीं ले रहे हैं। यहां तक की सौ ग्राम पंचायतों में तो काम को पूरी तरह से ठप कर दिया गया है। इनकी ओर से किसी कार्य की योजना नहीं बनाई गई। इसके चलते जहां विकास कार्य अवरूद्ध है तो दो हजार से अधिक मजदूरों को काम नहीं मिल पा रहा है। उनके समक्ष रोजगार का संकट खड़ा है। लापरवाही पर गांवों से जुड़े 12 सेक्रेटरी व 90 रोजगार सेवकों को नोटिस जारी कर कारण स्पष्ट करने को कहा गया है।
संतोषजनक स्पष्टीकरण न मिलने पर वेतन / मानदेय रोकने की कार्रवाई की जाएगी। 299 गांवों में लगे हैं 4166 मजदूर - पिछले दिनों चुनाव आदर्श आचार संहिता के चलते जिले के 561 गांवों में कार्यों के लिए तैयार कार्य योजनाओं को स्वीकृति देने पर रोक लगा दी गई थी। इसके लिए किसी तरह का बजट न जारी करने को कहा गया है। हालांकि अब आचार संहिता समाप्त होने के बाद काम शुरू हो चुका है। कहीं नई तो कहीं पुरानी योजनाओं पर काम चल रहा है। 299 ग्राम पंचायतों में कुल 4166 मनरेगा मजदूर कार्य कर रोजगार हासिल कर रहे हैं। - मनरेगा का कार्य कराने में उदासीनता बरत रही ग्राम पंचायतों के सचिव व रोजगार सेवकों को नोटिस जारी की गई है। इसके बाद भी वह गंभीर नहीं होते तो वेतन रोकने तक की कार्रवाई होगी। - सुनील कुमार, उपायुक्त, मनरेगा (श्रम रोजगार)
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