पंचायत भवन नहीं, कूड़ा घर कहिए
पंचायत भवन नहीं कूड़ा घर कहिए जनाब। वह भी ऐसे ग्राम के पंचायत भवन को जिसे स्वच्छता के लिए पिछले ग्राम प्रधान के कार्यकाल में राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका हो। कूड़े व गंदगी से उठ रहे दुर्गंध से आस पास से गुजरने वाले लोगों तक के लिए सांस लेना मुश्किल हो रहा है लेकिन साफ-सफाई के प्रति जिम्मेदार पूरी तरह उदासीन बने हुए हैं।
जासं, दुर्गागंज (भदोही) : पंचायत भवन नहीं, कूड़ा घर कहिए जनाब। वह भी ऐसे ग्राम के पंचायत भवन को जिसे स्वच्छता के लिए पिछले ग्राम प्रधान के कार्यकाल में राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका हो। कूड़े व गंदगी से उठ रही दुर्गंध से आस पास से गुजरने वाले लोगों तक के लिए सांस लेना मुश्किल हो रहा है, लेकिन साफ-सफाई के प्रति जिम्मेदार पूरी तरह उदासीन बने हुए हैं।
पर्यावरण स्वच्छ व संतुलित रहे, मौजूदा समय में शासन-प्रशासन पूरी तरह से गंभीर है। पौधरोपण अभियान चल रहा है तो लोगों को साफ-सफाई के प्रति जागरूक करने का भी काम किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि गंदगी की बीमारियों की जड़ होती है। इसलिये सबको सफाई के प्रति सचेत होना चाहिए। ऐसे दौर में भी अभोली ब्लाक के मिश्राइनपुर गांव में बने पंचायत भवन को देख कोई भी छूटते ही कह बैठेगा कि यह तो कूड़ा घर है। पूरे भवन में पसरी गंदगी व बदहाल शौचालय से वहां बैठना तो दूर चंद समय खड़ा रह पाना भी मुश्किल है। सबसे अहम तो यह है कि ग्राम पंचायत स्तर से सफाई के प्रति कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। पंचायत भवन स्वच्छता को लेकर चल रही पूरी कवायद पर पानी फेरता दिख रहा है। ग्रामीणों ने विभागीय अधिकारियों का ध्यान इस आकृष्ट कराते हुए समुचित कार्रवाई की मांग उठाई है।