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बैक लाइट न फाग, वाहन तेज रफ्तार से रहे भाग

हेडलाइट बैकलाइट न तो फाग लाइट पार्किंग लाइट व कलर रिफ्लेक्टर किस बला का नाम है शायद ही अधिकतर वाहन चालक व स्वामियों को इसकी जानकारी हो। बस वाहन के टायर-ट्यूब में हवा देखी ब्रेक की परख की और निकल पड़े सड़कों पर फर्राटा भरने। विशेष कर सड़क पर सवारी वाहन के नाम पर दौड़ रहे ट्रैक्टर आटो रिक्शा से लेकर तमाम बसों तक में वाहन के बाहरी ढांचे

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Dec 2019 08:49 PM (IST)Updated: Fri, 06 Dec 2019 08:49 PM (IST)
बैक लाइट न फाग, वाहन तेज रफ्तार से रहे भाग
बैक लाइट न फाग, वाहन तेज रफ्तार से रहे भाग

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : हेडलाइट, बैकलाइट न तो फाग लाइट, पार्किंग लाइट व कलर रिफ्लेक्टर किस बला का नाम है, शायद ही अधिकतर वाहन चालक व स्वामियों को इसकी जानकारी हो। बस वाहन के टायर-ट्यूब में हवा देखी, ब्रेक की परख की और निकल पड़े सड़कों पर फर्राटा भरने। विशेष कर सड़क पर सवारी वाहन के नाम पर दौड़ रहे ट्रैक्टर, आटो रिक्शा से लेकर तमाम बसों तक में वाहन के बाहरी ढांचे (बाडी) से लेकर अंदर बैठने के लिए लगाई गई सीटों तक के ढीले पड़े कल पुर्जों के चलते निकलती खटर-पटर की आवाज तो ऐसी मानों यात्रियों के आस-पास कोई भूचाल आया हो। जी हां, सड़कों पर बेहिसाब रफ्तार में फर्राटा भरते छोटे से लेकर बड़े वाहनों तक के फिटनेस की यही हकीकत दिखाई पड़ती है। उधर परिवहन विभाग की ओर से सड़क पर दौड़ते इन वाहनों पुष्पक विमान समझकर रफ्तार भरने की पूरी छूट दे दी गई है।

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कोहरे का दौर शुरू हो चुका है। इसी के साथ सड़क हादसों में वृद्धि भी होने लगी है। कोहरे में चलते वक्त जरा सी असावधानी पर लोग हादसों का शिकार हो जाते हैं। हादसों के कारण पर यदि नजर दौड़ाई जाय तो वाहनों की तेज रफ्तार, सड़कों की खामी के साथ यातायात नियमों की अनदेखी कर चलना तो मुख्य कारण के रूप में सामने आते ही हैं। वाहनों का फिटनेस को भी कम जिम्मेदार नहीं माना जा सकता। पूरी तरह खटारा हो चुके वाहन का कब कौन सा हिस्सा जबाब दे जाय और वह दुर्घटनाग्रस्त हो जाय कुछ कहा नहीं जा सकता। इंडीकेटर के अभाव में बगैर कोई संकेत दिए इधर-उधर घूम जाने वाले वाहनों के चलते दुर्घटनाएं हो जा रही हैं। विशेषकर ठंड के मौसम में कोहरे की धुंध के बीज अधिकतर घटनाएं इस कारण से ही हो जाती हैं कि बैक लाइट, फाग लाइट आदि न होने के चलते जब तक यह जानकारी होती है कि आगे पीछे कोई वाहन है तब तक घटना घट चुकी होती है। सबसे अहम तो यह है कि एक ओर जहां इस तरह के दौड़ रहे वाहनों की ओर किसी की नजर नहीं पड़ रही है तो वहीं फिटनेश का प्रमाण पत्र भी आंख मूंदकर जारी कर दिया जाता है। तांगा, बुग्गी व रिक्शा की आदि की जांच के लिए तो कभी कोई अभियान नहीं चलाया जाता।

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तो सुरक्षित रहेगा सफर

वाहनों के फिटनेस व यातायात नियमों के पालन से जहां आवागमन में आसानी होगी, वहीं सफर भी सुरक्षित रहेगा। यात्री कर अधिकारी शारदा प्रसाद मिश्र ने बताया कि विशेषकर कोहरे के दौरान वाहन चालकों को अपने वाहन में बैक लाइट, फाग लाइट व रिफ्लेक्टर को पूरी तरह दुरुस्त रखना चाहिए। बैक लाइट से पीछे चल रहे वाहन चालक को यह जानकारी रहती है कि आगे कोई चल रहा है। इसके साथ ही फाग लाइट कोहरे में सफर आसान बनाता है।

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वाहन चलाते वक्त क्या करें

-कोहरे में वाहन चलाते वक्त रफ्तार पर पूरी तरह नियंत्रण रखें।

-बाइक सवार हेलमेट व चार पहिया वाहन में सीटबेल्ट का प्रयोग करें।

-किसी भी समय नशे का सेवन करके वाहन न चलाएं।

-वाहन को कहीं मोड़ते समय इंडीकेटर का प्रयोग अवश्य करें।

-हाईवे पर किसी संकट के वक्त 112 डायल पुलिस, एंबुलेंस को तत्काल फोन करें।


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