विधि-विधान से पूजे गए नागदेव
देवाधिदेव महादेव के अतिप्रिय सावन मास के नाग पंचमी पर्व पर शनिवार को नाग देवता विधि-विधान से पूजे गए। इस दौरान पारंपरिक रूप से द्वार-दरवाजे आदि स्थानों पर नाग का प्रतीक बना दूध-लावा अर्पित कर पूजन किया गया। शारीरिक दूरी का पालन करते हुए शिवालयों पहुंचे महिला पुरुष श्रद्धालु पूजन अर्चन कर जलाभिषेक किया।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही): देवाधिदेव महादेव के अतिप्रिय सावन मास के नाग पंचमी पर्व पर शनिवार को नाग देवता विधि-विधान से पूजे गए। पारंपरिक रूप से द्वार-दरवाजे आदि स्थानों पर नाग का प्रतीक बना दूध-लावा अर्पित कर पूजन किया गया। शारीरिक दूरी का पालन करते हुए शिवालयों पहुंचे महिला पुरुष श्रद्धालु पूजन अर्चन कर जलाभिषेक किया। प्रतिबंध को देखते हुए शिवालयों में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए।
सावन मास में नाग पूजा का महात्म बढ़ जाता है। मान्यता है कि नाग पूजा करने से परिवार में सुख- संमृद्धि के साथ सर्प आदि घरों में नहीं दिखाई पड़ते हैं। नाग पंचमी पर्व को लेकर सुबह से ही गृहणियां तैयारी में जुट गई। मदार के पत्ते पर दूध और लावा नागों को अर्पित की। साथ ही परंपरागत तरीके से दरवाजों के दोनों दिशा में नाग का प्रतीक बनाकर विधि पूर्वक पूजन अर्चन की। इसके साथ ही घरों में विभिन्न प्रकार के व्यंजन आदि भी बनाए गए। शहरी क्षेत्रों में जगह-जगह नाग पूजा करने लिए भक्तों की भीड़ लगी रही। उधर मदारियों द्वारा नाग लेकर लोगों के दरवाजे पर पहुंचते व दर्शन पूजन कराते रहे। शारीरिक दूरी का पालन करते हुए भक्त का दर्शन कर रहे थे। स्थानीय हरिहरनाथ मंदिर में सुबह से ही भगवान शिव के दर्शन करने के लिए शिवभक्त कतारबद्ध रहे। इसके अलावा गोपीगंज, ऊंज, महराजगंज, बाबूसराय, खमरिया, औराई, सीतामढ़ी आदि क्षेत्रों में भी नाग पंचमी पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया गया।