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विधायक पुत्र ने स्वीकारी नोटिस, लगने लगे दाव-पेंच

लालानगर टोल प्लाजा के कथित संचालक से रंगदारी और धमकी देने के मामले में जारी नोटिस को विधायक विजय मिश्र के पुत्र विष्णु मिश्र ने रिसीव कर लिया है। इसके साथ ही कानूनी दांव-पेंच की कवायद तेज हो गई है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Jul 2020 06:32 PM (IST)Updated: Wed, 22 Jul 2020 06:32 PM (IST)
विधायक पुत्र ने स्वीकारी नोटिस, लगने लगे दाव-पेंच
विधायक पुत्र ने स्वीकारी नोटिस, लगने लगे दाव-पेंच

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जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : लालानगर टोल प्लाजा के संचालक से रंगदारी और धमकी देने के मामले में जारी नोटिस विधायक विजय मिश्र के पुत्र विष्णु मिश्र ने स्वीकार लिया है। अब कानूनी दाव-पेंच की कवायद चल रही है। पुलिस ने कार्रवाई तो कर दी लेकिन अब पक्के सबूत एकत्र करने में जुटी है। डीएम कोर्ट में सुनवाई के दिन नामचीन अधिवक्ताओं का जमावड़ा लग सकता है। विधायक समर्थक भी सोशल मीडिया पर आडियो और वीडियो वायरल करने लगे हैं।

पुलिस ने टोल प्लाजा संचालक गोपाल कृष्ण माहेश्वरी और विधायक विजय मिश्र द्वारा किए गए वार्ता को स्वत: संज्ञान लेते हुए गुंडा एक्ट की कार्रवाई की है। एसपी ने रिपोर्ट डीएम को भेजी है। एसपी रामबदन सिंह के अनुसार उनके खिलाफ भदोही, प्रयागराज सहित अन्य जिलों में 71 मुकदमे दर्ज हैं। बचाव में उतरे विधायक ने पुलिस के आपराधिक रिकार्ड को खारिज कर दिया। मामला अब न्यायिक प्रक्रिया में आने से डीएम ने नोटिस जारी की है, जिसे स्वीकार लिया गया है। छह अगस्त को इस मामले को लेकर बहस होगी। डीएम राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि मामला न्यायिक प्रक्रिया में है इसलिए वह कुछ नहीं बोलेंगे।

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बीमार पड़े विधायक विजय मिश्र

विधायक विजय मिश्र की तबीयत अचानक खराब हो गई है। विधायक के समर्थकों का कहना है कि विधायक के बड़े भाई लाल साहब की स्थिति बहुत ठीक नहीं चल रही है। वह वेंटिलेटर पर चल रहे हैं। वह दिल्ली स्थित वेदांता अस्पताल में कई दिनों से भर्ती हैं। इसी बीच विधायक की भी तबीयत खराब हो गई है।

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बकायेदारी का मामला पहुंचा मीरजापुर आयुक्त कोर्ट में

भदोही : विधायक ज्ञानपुर के पुत्र विष्णु मिश्र और पुत्रवधू रूपा मिश्रा को भदोही प्रशासन ने वर्ष 2019 में 1.50 करोड़ रुपये का बकायेदार बताया था। टॉप-10 बकायेदारों की सूची में दोनों लोगों को नंबर एक व दो पर रखा था। तहसील के बोर्ड पर सूची भी चस्पा कर दी गई थी। उन्हें नोटिस जारी हुई थी। पखवारे भर पहले यह मामला मीरजापुर मंडलायुक्त को स्थानांतरित कर दिया गया है। एसडीएम ज्ञानपुर कविता बुजेता ने बताया कि खनन की रॉयल्टी शुल्क दोनों लोगों ने जमा नहीं की थी, आरसी मंडलायुक्त द्वारा ही काटी गई थी। चूंकि दोनों लोग प्रकरण को लेकर अपर आयुक्त कोर्ट में अपील कर चुके हैं इसलिये प्रकरण को यहां से ट्रांसफर कर दिया गया है। अभी तक बकाया राशि जमा नहीं हुई है।


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