मेडिकल बोर्ड जांचेगा स्वास्थ्य, तब होगा विश्वास
मनचाहे जनपद में जाने को लेकर शुरू की गई अंतर्जनपदीय स्थानांतरण प्रक्रिया का लाभ लेने के लिए असाध्य रोग की बीमारी का बहाना भी अब नहीं चलेगा। आवेदन के साथ शिक्षक अथवा उनके पाल्य (पुत्र-पुत्री) के गंभीर रोग से पीड़ित होने
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : मनचाहे जनपद में जाने को लेकर शुरू की गई अंतर्जनपदीय स्थानांतरण प्रक्रिया का लाभ लेने के लिए असाध्य रोग की बीमारी का बहाना भी अब नहीं चलेगा। आवेदन के साथ शिक्षक अथवा उनके पाल्य (पुत्र-पुत्री) के गंभीर रोग से पीड़ित होने के किए गए दावे व लगाई गई इलाज संबंधी अभिलेखों पर विश्वास नहीं किया जाएगा। मेडिकल बोर्ड स्वास्थ्य जांचेगा तभी विभागीय अफसरों को विश्वास होगा। स्वास्थ्य संबंधी जांच के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन कर परीक्षण के लिए तिथि भी तय की गई है।
प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में तैनात शिक्षकों को अपने गृह व मनचाहे जनपद में जाने की सुविधा देने के लिए अंतर्जनपदीय स्थानांतरण की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। इसके लिए 908 शिक्षकों ने आवेदन किया था तो पिछले दिनों जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में शुरू हुई काउंसिलिग के दौरान शिक्षकों की कतार लग गई। कुल 725 शिक्षकों ने जिला छोड़ने के लिए काउंसिलिग में प्रतिभाग किया था। काउंसिलिग कराए शिक्षकों में 71 शिक्षकों ने खुद बीमार होने या फिर अपने पाल्यों को असाध्य रोगों से पीड़ित होना दर्शाया था। खुद के स्वास्थ्य को देखते हुए या फिर पाल्यों की देखभाल का हवाला दिया था। ताकि स्थानांतरण के लिए भारांक मिल सके। उनके द्वारा किया गया दावा सही है या नहीं इसकी जांच मेडिकल बोर्ड से कराई जाएगी। मुख्य चिकित्साधिकारी स्तर से इसके लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमेटी गठित कर दी गई है। बीएसए अमित कुमार ने बताया कि छह मार्च को स्वास्थ्य परीक्षण के लिए तिथि तय की गई है। महाराजा चेत सिंह जिला अस्पताल सुबह 11 बजे से परीक्षण किया जाएगा। बताया कि आवेदन में असाध्य बीमारी बताने व परीक्षण में उपस्थित न होने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।