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मजिस्ट्रेटी जांच का आदेश, हत्थे चढ़ा कारोबारी

भदोही-वाराणसी मार्ग पर स्थित रोटहां में अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट को लेकर अलग-अलग एजेंसियां जांच में जुटी हुई हैं। लखनऊ की फोरेंसिक टीम जहां सैंपल लेकर शनिवार की रात में ही वापस हो गई तो वहीं वाराणसी की आइबी टीम रविवार को घटना स्थल पर पहुंचकर जांच में जुटी रही। इस दौरान उनके हाथ कई अहम सुराग लगे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Feb 2019 07:35 PM (IST)Updated: Sun, 24 Feb 2019 07:35 PM (IST)
मजिस्ट्रेटी जांच का आदेश, हत्थे चढ़ा कारोबारी
मजिस्ट्रेटी जांच का आदेश, हत्थे चढ़ा कारोबारी

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदेही): भदोही-वाराणसी मार्ग पर स्थित रोटहां में अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट को लेकर अलग-अलग एजेंसियां जांच में जुटी हुई हैं। लखनऊ की फोरेंसिक टीम जहां सैंपल लेकर शनिवार की रात में ही वापस लौट गई तो वहीं वाराणसी की आइबी टीम रविवार को घटनास्थल पर पहुंचकर जांच में जुटी रही। इस दौरान उनके हाथ कई अहम सुराग लगे हैं। जिलाधिकारी राजेंद्र प्रसाद ने जहां अपर जिलाधिकारी राम¨सह वर्मा के नेतृत्व में मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं तो वहीं पुलिस अधीक्षक राजेश एस खुद जांच टीम का नेतृत्व कर रहे हैं। क्राइम ब्रांच की टीम ने मुख्य आरोपित कलियर मंसूर को उसके घर से हिरासत में ले लिया है। बताया जा रहा है कि कड़ाई से पूछताछ में उसने कई राज उगले हैं।

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चौरी थानाक्षेत्र के रोटहां में संचालित अवैध पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट से मकान मालिक सहित 12 बुनकरों की मौत हो गई। सैंपल लेकर आगरा स्थित फोरेंसिक लैब भेजा गया है। बताया जा रहा है कि यह रिपोर्ट पंद्रह दिन में उपलब्ध हो जाएगी। उधर अर्जुनपुर के मृतक सलीम का शव सुपुर्देखाक कर दिया गया लेकिन अन्य ग्यारह मृतकों के परिजन देर शाम तक पोस्टमार्टम हाउस नहीं पहुंच पाए थे। पुलिस की ओर से पांच मृतकों की पहचान भी जारी कर दी गई। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि घटना के मामले में कलियर मंसूर के अलावा आबिद और इरफान के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। साथ ही तत्कालीन चौकी प्रभारी, प्रभारी निरीक्षक सहित चार को निलंबित किया जा चुका है। रिपोर्ट आने पर ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी कि पटाखा था अथवा अन्य विस्फोटक पदार्थ।

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साक्ष्य जुटाने में जूझती रही टीम, मलबे से परेशानी

पटाखा विस्फोट के दूसरे दिन रविवार को पुलिस साक्ष्य जुटाने में जुटी रही। स्थानीय के अलावा वाराणसी और लखनऊ से आई टीम जांच में जूझती रही। वाराणसी से आई टीम करीब पांच घंटे तक घटना स्थल पर जांच में लगी रही। इस दौरान उसके हाथ एक मोबाइल फोन भी लगा है। बताया जा रहा है कि इस मोबाइल फोन में लगा चिप कुछ राज खोल सकता है। इस दौरान मौके पर जाने से सभी को रोक दिया गया था।


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