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उधार के भवन, हैंडओवर नहीं हुए 69 आंगनबाड़ी केंद्र

सांसद आदर्श कौलापुर में उधार के भवन में नौनिहाल पढ़ाई कर रहे हैं। यहां पर आंगनबाड़ी केंद्र बनकर तैयार हो चुका है। धीरे-धीरे तीन साल गुजर गए लेकिन अभी तक भवन को हैंडओवर नहीं किया जा सका है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 05 Oct 2019 06:25 PM (IST)Updated: Sat, 05 Oct 2019 06:25 PM (IST)
उधार के भवन, हैंडओवर नहीं हुए 69 आंगनबाड़ी केंद्र
उधार के भवन, हैंडओवर नहीं हुए 69 आंगनबाड़ी केंद्र

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही): सांसद आदर्श कौलापुर में उधार के भवन में नौनिहाल पढ़ाई कर रहे हैं। यहां पर आंगनबाड़ी केंद्र बनकर तैयार हो चुका है। धीरे-धीरे तीन साल गुजर गए लेकिन अभी तक भवन को हैंडओवर नहीं किया जा सका है। यह तो बानगी भर है। इसके अलावा जिले में 69 आंगनबाड़ी केंद्रों को विभाग अभी तक हैंडओवर नहीं करा सका है। निर्माण में मनमानी किए जाने की शिकायत पर जिलाधिकारी ने तकनीकी जांच के लिए टीम गठित की थी। जांच रिपोर्ट के आधार मिली खामियों को अभी तक पूरा नहीं कराया जा सका है।

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बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की ओर से जिले में छह बाल विकास परियोजनाओं में कुल 1421 आंगनबाड़ी एवं मिनी केंद्र संचालित हैं। शुरुआती दौर में आंगनबाड़ी केंद्रों को संचालित करने के लिए 250 भवनों का निर्माण कराया गया था। इसके पश्चात वर्ष 2012-13 में चार, 2013-14 में दस, 2014-15 में आठ और 2015-16 में नौ नए भवनों का निर्माण कराया गया। इस प्रकार 281 केंद्र विभाग के अपने भवन में संचालित है, जबकि ग्यारह सौ से अधिक केंद्र प्राथमिक विद्यालय के भवनों में चलाए जा रहे हैं। शासन की ओर से वित्तीय वर्ष 2016-17 में 70 नए आंगनबाड़ी केंद्रों की स्वीकृति दे दी है। इसके लिए बजट भी जारी कर दिया गया था। धीरे-धीरे तीन साल बीत गए लेकिन अभी तक भवनों को हंडओवर नहीं कराया जा सका है।

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-किसे दी गई थी निर्माण की जिम्मेदारी

जनपद के 64 आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण ग्राम पंचायतों को और छह के निर्माण की जिम्मेदारी ग्रामीण अभियंत्रण सेवा को सौंपी गई है। आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की ओर से दो-दो लाख रुपये अवमुक्त कर दिया गया है। साथ ही राज्य वित्त के मद से एक लाख छह हजार और महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के मद से चार लाख 46 हजार रुपये खर्च कर सकेंगे। धन आवंटित करते हुए निर्माण एजेंसियों को तीन माह के अंदर भवन निर्माण पूर्ण कराने को कहा गया था।

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आंगनबाड़ी केंद्रों को हैंडओवर करने के पहले तकनीकी जांच के लिए टीम गठित की गई थी। इसकी रिपोर्ट भी विभाग को मिली थी। जांच में मिली खामियों को ठीक कराने के लिए निर्माण एजेंसियों को निर्देशित किया गया था। सुरियावां में विवादित होने के कारण एक केंद्र तैयार नहीं हो सका है। शीघ्र ही भवनों को हैंडओवर कर लिया जाएगा।

राजीव सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी।


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