1.78 लाख किसानों पर पड़ेगी उर्वरक की मार
खरीफ अभियान की प्रमुख धान सहित अन्य फसल की रोपाई-बोआई किए जिले के 1.7
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जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : खरीफ अभियान की प्रमुख धान सहित अन्य फसल की रोपाई-बोआई किए जिले के 1.78 लाख किसानों के समक्ष उर्वरक (यूरिया) को लेकर संकट गहराता दिख रहा है। समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो किसानों को छिड़काव के लिए यूरिया नहीं मिल पाएगी। एक करोड़ रुपये बकाए में जहां इफको यूरिया देना बंद कर सकता है तो 90 लाख रुपये का भुगतान न होने से पीसीएफ भी हाथ खड़ा करने की स्थिति में आ जाएगा। पीसीएफ के गोदाम से लेकर समितियों तक पर निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष उपलब्धता के आंकड़े यही कह रहे हैं कि इस बार संकट खड़ा होगा।
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इफको को एक करोड़ रुपये का नहीं हुआ भुगतान
- जिले में यूरिया की आपूर्ति करने वाली प्रदायदाता संस्था इफको की ओर से समितियों को यूरिया की आपूर्ति की जाती है। समिति यूरिया मूल्य का भुगतान चेक के जरिए सहकारिता बैंक में करते हैं। वहां से इफको को पैसा दिया जाता है। इफको द्वारा गत वर्ष आपूर्ति किए गए यूरिया मूल्य के एक करोड़ रुपये का भुगतान नहीं हो सका है। बकाए में इफको यूरिया की आपूर्ति न करे इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। उधर समितियों की ओर से उर्वरक बिक्री के बाद उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड (पीसीएफ) के लिए जमा किए गए 90 लाख रुपये का भुगतान भी बैंक की ओर से पीसीएफ को नहीं किया जा सका है।
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केस 1 : अभोली ब्लाक के टेमा जमीने शेरपुर निवासी मूलचंद मौर्य धान की रोपाई करा चुके हैं। छिड़काव के लिए यूरिया की जरूरत है। तीन दिन से समितियों का चक्कर काट रहे हैं लेकिन यूरिया नहीं मिल पा रही है। क्या करें कुछ समझ नहीं पा रहे हैं। केस 2 : अभोली ब्लाक के ही मशुधी निवासी शिवशंकर भी धान की रोपाई के बाद छिड़काव के लिए यूरिया को परेशान हैं। जबकि क्षेत्र के शेरपुर गोपलहां, गौरा, करनपुर, मकनपुर आदि स्थानों पर स्थित समितियों से यूरिया नदारद हैं। कैसे हो व्यवस्था।
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लक्ष्य 4337, समितियों पर पहुंची महज 468 एमटी यूरिया
- जिले में खरीफ अभियान के लिए 4373 एमटी यूरिया वितरित करने का लक्ष्य तय किया गया है। जिसे मौजूदा समय में क्रियाशील 42 समितियों व आईएसएसडीसी कृषक सेवा केंद्र के जरिए किसानों को वितरित किया जाना है। इसके सापेक्ष उपलब्धता को देखा जाय तो जिले में अब तक कुल 1794 एमटी यूरिया की आपूर्ति हुई है। इसमें से महज 468 एमटी यूरिया ही समिति व सेवा केंद्रों पर भेजा जा सकी है। ऐसे में स्वत: समझा जा सकता है कि किसानों को कैसे मिलेगी यूरिया।
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- गोदाम में उपलब्ध 1794 में से 468 एमटी यूरिया समितियों को भेजी जा चुकी है। 1326 एमटी गोदाम में है, जिसे भेजने की कार्रवाई की जा रही है। जहां से भुगतान चेक नहीं जमा किया गया है वहीं यूरिया नहीं पहुंच सकी है। शरद, पीसीएफ प्रबंधक
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