कोतवाल बदले लेकिन नहीं कम हुआ अपराध
अपराध पर अंकुश व अपराधियों की गिरफ्तारी को लेकर भले ही लाख दावे किए जाएं लेकिन वास्तविकता तो यह है कि न तो अपराध पर रोक लग रही है न अपराधियों पर कोई अंकुश है। विशेषकर महिला उत्पीड़न संबंधी मामलों में पुलिस की नाकामी व हीलाहवाली ¨चता का विषय है। विगत आठ माह से
जागरण संवाददाता, भदोही: अपराध पर अंकुश व अपराधियों की गिरफ्तारी को लेकर भले ही लाख दावे किए जाएं लेकिन वास्तविकता तो यह है कि न तो अपराध पर रोक लग रही है न अपराधियों पर कोई अंकुश है। विशेषकर महिला उत्पीड़न संबंधी मामलों में पुलिस की नाकामी व हीलाहवाली ¨चता का विषय है।
विगत आठ माह से भदोही कोतवाली क्षेत्र में अपराधिक घटनाओं का तांता लगा है। लूट, छिनौती, उचक्कागिरी, छेड़खानी की घटनाओं ने लोगों की नाक में दम कर दिया है। यही कारण है कि जनपद के नए पुलिस अधीक्षक के आते ही कई स्टेशन अफसरों से इधर से उधर किया गया था। भदोही कोतवाली प्रभारी मनोज पांडेय को हटाकर उनके स्थान पर क्राइम ब्रांच के तेज तर्रार इंस्पेक्टर माने जाने वाले नवीन तिवारी को चार्ज दिया गया। हालांकि बावजूद इसके अपराधिक घटनाओं पर अंकुश नहीं लगा। छेड़ीबीर निवासी शातिर अपराधी आजम की गिरफ्तारी को उपलब्धि के रूप में देखा जा सकता है। इसके अलावा न तो छिनौती, उचक्कागिरी की घटनाओं का खुलासा हो सका न ही चोरी व अन्य संगीन मामलों में पुलिस को सफलता मिली। बात महिला उत्पीड़न की जाए इस मामले मे पुलिस फिसड्डी साबित हो रही है। नजीर के तौर पर गत दिनों भदोही-सुरियावां मार्ग स्थित पिपरिस गांव से बोलेरो सवार उचक्कों ने बरामदे में सो रही एक युवती का अपहरण कर लिया था। हालांकि पुलिस की सक्रियता से उसे इलाहाबाद सीमा पर ले जाकर छोड़ दिया गया था। विडंबना यह है कि पुलिस उक्त मामले में आज तक अपहर्ताओं तक नहीं पहुंच सकी। इसी तरह छेड़खानी आदि के मामलों में भी पुलिस महज लीपापोती से काम चला रही है। इसे लेकर लोगों में रोष बढ़ता जा रहा है।