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अन्नदाताओं पर कुदरत का कहर

भीषण गर्मी व असहनीय धूप के बाद मंगलवार की रात बिगड़े मौसम संग रात व बुधवार को दिन में तेज हवा के साथ हुई बारिश के रूप में अन्नदाताओं पर कुदरत का कहर गिर पड़ा। कहीं तैयार हो चुकी गेहूं की खड़ी तो कहीं काट-बांधकर रखी गई फसल भीग जाने से कटाई-मड़ाई का काम ठप पड़ गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Apr 2019 10:11 PM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2019 10:11 PM (IST)
अन्नदाताओं पर कुदरत का कहर
अन्नदाताओं पर कुदरत का कहर

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : भीषण गर्मी व असहनीय धूप के बाद मंगलवार की रात बिगड़े मौसम संग रात व बुधवार को दिन में तेज हवा के साथ हुई बारिश के रूप में अन्नदाताओं पर कुदरत का कहर गिर पड़ा। कहीं तैयार हो चुकी गेहूं की खड़ी तो कहीं काट-बांधकर रखी गई फसल भीग जाने से कटाई-मड़ाई का काम ठप पड़ गया। फसल को लेकर किसानों की चिता बढ़ चुकी है। यदि मौसम का हाल यही रहा अंतिम समय में उपज को बर्बाद होने से इंकार नहीं किया जा सकता।

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अप्रैल की शुरूआत से ही जहां आग बरसा रही सूरज कि किरणें बेहाल किए रहीं। इसके बाद भी किसान पूरे जी-जान से गेहूं सहित चना, अरहर आदि फसल की कटाई-मड़ाई में जुटे हुए थे। वह जल्द से जल्द उपज को सुरक्षित कर लेने के लिए ट्रैक्टर चलित थ्रेसर का सहारा ले रहे थे। इसी बीच अचानक रात में मौसम ने करवट ले लिया। रात में जहां तेज हवा संग बूंदा बांदी हुई तो बुधवार को दिन में कई चक्र में हुई बारिश से फसल भीग गई। इसके चलते मड़ाई का कार्य ठप हो गया। किसान भीग चुकी फसल को लेकर चितित हो चुके हैं। किसानों का मानना है कि अब बगैर सुखाए मड़ाई नहीं हो पाएगी।

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- क्या बोले किसान

- बिगड़े मौसम के साथ हुई बारिश से जो फसल भीग गई है। इससे भूसा व दाने की गुणवत्ता प्रभावित होगी। फसल जल्दी ही नहीं सूखा तो दाने काले पड़ जाएंगे। इससे सारी मेहनत पर पानी फिर जाएगी।

चित्र.3. अरबिद मौर्य, नेवाजीपुर

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- चार बीघे गेहूं की बोआई की थी। बैंक से 60 हजार रुपये लोन लेकर खेती में लगाया था। अब जब फसल तैयार हुई व कटाई - मड़ाई की तैयारी कर रहे थे, बारिश होने से उपज खराब होने का संकट खड़ा हो गया है। फसल बर्बाद हुई तो कर्ज कैसे चुकाएंगे।

चित्र.4. केशव कुमार बिन्द, अभोली

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- उपज के भरोसे ही बेटे की शादी करने बेटे की शादी की तैयारी चल रही थी । सोचा था कि अनाज बेंचकर शादी के खर्च में लगाएंगे। तीन बीघा की गेहूं फसल कट गई थी। अब भीग जाने से संकट खड़ा हो चुका है।

- चित्र.5.रमाकांत यादव, अर्जुनपुर

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- अन्नदाताओं की गाड़ी कमाई पर ग्रहण लगता दिख रहा है। मौसम के इस रूख से कटाई -मड़ाई प्रभावित हुई है। फसल भीग जाने से दाने काले पड़ने का संकट गहरा गया है। भूसे की गुणवत्ता भी प्रभावित होगी।

चित्र.6.राधेश्याम यादव, राम किसुनपुर बसहीं।


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