Move to Jagran APP

कालीन नगरी में रोजगार सृजन होगी चुनौती

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : सेवायोजन दफ्तर में लंबी कतार। पंजीयन कराने के लिए जुगाड़ और पैरवी

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Feb 2020 10:30 PM (IST)Updated: Sat, 15 Feb 2020 10:30 PM (IST)
कालीन नगरी में रोजगार सृजन होगी चुनौती
कालीन नगरी में रोजगार सृजन होगी चुनौती

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : सेवायोजन दफ्तर में लंबी कतार। पंजीयन कराने के लिए जुगाड़ और पैरवी। महानगरों से खचाखच भरी रेलवे की बोगियां। यह नजारा अब अतीत का संदर्भ बन चुका है। जून 2012 से मई 2014 के बीच यह नजारा दिखता था जब बेरोजगार बेरोजगारी भत्ता लेने के लिए उमड़ते रहते थे। भत्ता योजना बंद होते ही करीब चालीस हजार बेरोजगारों ने पंजीयन का नवीनीकरण नहीं कराया। आलम यह कि जिला सेवायोजन कार्यालय पर सन्नाटा पसरा रहता है।

loksabha election banner

बेरोजगारी भत्ता को अपनी घोषणापत्र के जरिए विधानसभा चुनाव 2012 में पूर्ण बहुमत हासिल करने वाली सपा सरकार अल्प समय के बाद ही इस योजना पर रोक लगा दी। आलम यह रहा कि बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करने के लिए सेवा योजन दफ्तरों में बेरोजगारों की लंबी कतार लगने लगी। हद तो तब हो गई जब पंजीयन कराने के लिए कई जिलों में बवाल भी हो गया था। बवाल को देखते हुए जिला प्रशासन को अलग-अलग काउंटर बनाने पड़े थे। अकेले भदोही जनपद में पंजीयन कराने के लिए आधा दर्जन से अधिक काउंटर बने थे। बेरोजगारों की कतार सुबह से लग जाती थी तो देर रात तक कायम रहती थी।शासन की ओर से जून 2012 से मई 2014 तक पंजीकृत लाभाíथयों को ही भत्ता देने का प्रावधान था। विभागीय रिकार्ड पर गौर किया जाए तो बेरोजगारी भत्ता योजना लागू होने के बाद जिले में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या नब्बे हजार पहुंच चुकी थी। वित्तीय वर्ष 2015-16 में शासन की ओर से बेरोजगारी भत्ता के लिए बजट की व्यवस्था नहीं की गई। भत्ता योजना बंद होने के बाद से अब तक करीब चालीस हजार बेरोजगारों ने अपने पंजीयन को नवीनीकरण नहीं कराया। बताया जा रहा है कि यह आंकड़ा प्रत्येक माह घटता जा रहा है। सेवायोजन कार्यालय पर सन्नाटा पसरा हुआ है। पूरे कार्यदिवस पर एक या दो बेरोजगार पंजीयन कराने के लिए पहुंच जाएं तो बड़ी बात है। हालांकि अधिकारियों का दावा है कि पंजीकृत बेरोजगारों के लिए समय- समय पर रोजगार मेला आयोजित कर रोजगार मुहैया कराया जा रहा है। एक लाख से अधिक बेरोजगार

कालीन नगरी में बेरोजगारों के पलायन को रोकने और रोजगार सृजन सरकार के सामने चुनौती बनी हुई है। जिला सेवायोजन कार्यालय के रिकार्ड पर गौर किया जाए तो एक लाख से अधिक बेरोजगार हैं। जिले में लघु एवं कुटीर उद्योग के अलावा अन्य तमाम कंपनियों पर ताला लटक गया। पिछले दो दशक से सरकार की ओर से इसको लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.