आभूषण व्यवसायियों को लगा तगड़ा झटका
कोरोना महामारी के चलते लाकडाउन के बीच तीज त्योहारों का रंग भी फीका पड़ गया है। इस क्रम में अक्षय तृतीया जैसा पर्व भी लाकडाउन की भेंट चढ़ने वाला है। लाकडाउन के बीच अक्षय तृतीय होने के कारण आभूषण दुकानदारों को तगड़ा झटका लगा है। बताते चलें कि लगन के दौरान पहले ही व्यवसायियों को निराशा से दो चार होना पड़ा था। यहां तक कि पूर्व में मिले आभूषण के काफी आर्डर रद हो गए। अब अक्षय तृतीया के दौरान भी आभूषणों के खरीदारी की कोई संभावना नहीं है।
अक्षय तृतीया
- लॉकडाउन से बंद दुकानों से प्रभावित हुआ व्यवसाय
- काम-काज ठप होने से खड़ी तंगी से भी आया संकट
जासं, भदोही : कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन के बीच तीज-त्योहारों का रंग भी फीका पड़ गया है। अक्षय तृतीया जैसा पर्व भी लॉकडाउन की भेंट चढ़ने वाला है। विशेषकर आभूषण दुकानदारों को तगड़ा झटका लगा है। बताते चलें कि लगन के दौरान पहले ही व्यवसायियों को निराशा से दो चार होना पड़ा था। यहां तक कि पूर्व में मिले आभूषण के काफी आर्डर रद् हो गए। अब अक्षय तृतीया पर भी आभूषणों के खरीदारी की कोई संभावना नहीं है। व्यवसायियों का कहना है कि लॉकडाउन के चलते सभी दुकानें बंद हैं, ग्राहकों की आमद नहीं हो रही है। हर व्यक्ति आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। ऐसे में आभूषण खरीदारी के लिए सोचा भी नहीं जा सकता। - पूर्व में अक्षय तृतीया पर बेहतर व्यवसाय होता था। आभूषण की खरीदारी पर लोग जोर देते थे लेकिन इस बार लॉकडाउन के कारण एक तरफ तो दुकानें बंद हैं दूसरी ओर एक माह से काम-काज ठप होने के कारण अधिकतर लोगों की आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो चुकी है। ऐसे में आभूषण की खरीदारी करना मुश्किल काम है। आभूषण के लिए किसी ने आनलाइन आर्डर भी नहीं दिया।
राहुल बरनवाल - लॉकडाउन के बीच पूरे एक माह से दुकानें बंद हैं। वैवाहिक आयोजनों वाले कुछ लोगों ने लॉकडाउन से पहले आभूषण के लिए आर्डर दिया था जो बाद में कैंसिल कर दिया। जबकि उनके आर्डर पर आभूषण तैयार करा लिए गए थे। लॉकडाउन समाप्त होने के बाद वे ले जाएंगे या नहीं इसकी भी गारंटी नहीं है। अक्षय तृतीया से इस बार कोई उम्मीद लगाना भी बेकार है।
छेदी स्वर्णकार
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- लॉकडाउन के कारण सभी व्यवसाय ठप है। त्योहारों व वैवाहिक आयोजनों के दौरान आभूषण व्यवसायी भी दो पैसा कमा लेते थे लेकिन इन दिनों सारे लोग हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। लोगों के खाने के लाले पड़े हैं। ऐसे में आभूषण बनवाने की बात तो महज कल्पना ही मानी जाएगी। जबकि अक्षय तृतीया पर आभूषण की खरीदारी को शुभ माना जाता है।
संजय सेठ
- प्रशासन को अक्षय तृतीय के एक दिन पहले आभूषण की दुकानों को खोलने की अनुमति देनी चाहिए थी। भले ही लाख परेशानी है लेकिन कुछ ग्राहक तो जरूर निकलते। कुछ लोगों ने फोन कर भाव ताव किया लेकिन आर्डर किसी ने नहीं दिया है। इस बार अन्य पर्वों की तरह अक्षय तृतीया भी व्यवसायियों के लिए निराशाजनक साबित हो रहा है।
संजय कुमार