वतन की हिफाजत का पैगाम देता है इस्लाम
ऐसे लोग कत्तई मुसलमान नहीं हो सकते हैं जो देश को तोड़ने की बात करते हैं। इस्लाम हमेशा अपने वतन की हिफाजत का पैगाम देता है। इस्लाम और आतंकवाद का दूर-दूर तक कोई रिश्ता नहीं है।
जागरण संवाददाता, लालानगर (भदोही) : ऐसे लोग कत्तई मुसलमान नहीं हो सकते हैं जो देश को तोड़ने की बात करते हैं। इस्लाम हमेशा अपने वतन की हिफाजत का पैगाम देता है। इस्लाम और आतंकवाद का दूर-दूर तक कोई रिश्ता नहीं है। मदरसा दारुल उलूम हबीबिया रिजविया गोपीगंज में सोमवार की रात आयोजित हबीब-ए-दो आलम कॉन्फ्रेंस (दीक्षांत समारोह) में मध्य प्रदेश से आए सैयद आदिल मियां ने पुलवामा में हुए हादसे पर अफसोस जाहिर करते हुए यह बातें अपनी तकरीर के दौरान कहीं। उधर इस दौरान 55 छात्रों की दस्तारबंदी कर प्रमाण पत्र वितरित किया गया। डिग्री पाकर छात्रों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
उन्होंने कहा कि इस्लाम हमेशा अमन व शांति का पैगाम देता है। मुसलमानों से आह्वान किया कि वह पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब (सल्ल.) के बताए रास्ते पर चलें। उन्होंने कभी किसी धर्म या समुदाय की बुराई नहीं बल्कि सभी धर्मों का आदर और सम्मान करने की बात कही। कहा कि इस्लाम प्यार और अमन के लिए विश्व भर में जाना जाता है लेकिन आज कुछ लोग इस्लाम का चोला पहनकर इस्लाम को बदनाम करने में लगे हैं। अशांति और दहशत फैलाने वाले लोग सिर्फ आतंकवादी और दहशतगर्द होते हैं उनका कोई धर्म या जाति नहीं होता। अबू बकर सिबली ने कहा कि इस्लाम में स्वच्छता को ईमान का हिस्सा माना गया है। उन्होंने जीवन के हर कदम पर स्वच्छता को अपनाने की नसीहत दी। निसार अहमद साहब ने शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि अशिक्षा एक अभिशाप है। कहा कि देश तब तक पूर्ण रूप से विकास नहीं कर सकेगा जब तक प्रत्येक नागरिक शिक्षित ना हो जाए। नईम अख्तर ने उम्दा शायरी जरिए सबके के दिलों पर छा गए। कांफ्रेंस की सदारत शेख रहमतुल्लाह साहब संचालन जाहिद रजा मिस्बाही ने किया। इस मौके पर 55 छात्रों की दस्तारबंदी की गई। छात्रों को कमरुज्जमा, हाजी मो.जाफर अंसारी, हाफिज हाजी अब्दुल सुबहान ने डिग्री वितरित किया। प्राचार्य मो. मुख्तार ने छात्रों के उज्जवल भविष्य की कामना की। इस अवसर सेवानिवृत्त जिला जज हाजी नसीर हसन, मौलाना ताज मोहम्मद रिजवी, हाजी मिराज, जमालुद्दीन, हाजी हलीम, हाजी मकसूद, मजीद अंसारी, शकील दादा आदि थे।