गरीबों की कॉलोनी में अंधेरे की घुसपैठ
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जागरण संवाददाता, भदोही : दरोपुर स्थित 48 भवनों की गरीबों की कालोनी। मार्च 2019 को इसे कागज पर डूडा ने आवंटित कर दिया, लेकिन बिजली के बिना सभी कमरों में अंधेरे की घुसपैठ हो चुकी है। आठ महीने पहले हुए आवंटन के बाद भी अभी तक कोई गरीब यहां रहने नहीं आया। सभी ने किराये पर कमरा ले लिया।
यह दुर्गति तब है जब कार्यदायी एजेंसी जिला नगरीय विकास अभिकरण ने बिजली विभाग को विद्युत कनेक्शन के लिये 7.18 लाख रुपये जमा कर दिये हैं। इसके बाद भी यहां पर ट्रांसफार्मर व लाइनें नहीं बिछाई गई। यह कार्रवाई अब शुरू होने जा रही है। अब ऐसी कालोनियों की सुधि उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन ने ली है। ऊर्जा विभाग ने दो दिन पहले स्थानीय अधिकारियों को पत्र लिखा है कि भले ही कॉलोनी में दो लोग ही कनेक्शन लेने वाले हों, आप कनेक्शन उन्हें मुफ्त दीजिये। इस आदेश के बाद विभाग में हरकत तेज हो गई है। ऐसी सभी कालोनियों और मोहल्लों की सूची बनाने की तैयारी आरंभ हो चुकी है।
हो चुकी है शिफ्टिग, मगर रहते ज्यादातर नहीं
बिजली के अलावा यहां पेयजल व्यवस्था भी नहीं है। लंबे इंतजार के बाद कुछ आवंटी शिफ्ट कर लिये हैं, लेकिन यहां ज्यादातर लोग नहीं रहते। नगर पालिकाध्यक्ष अशोक जायसवाल ने बताया कि कालोनी के लिए नया ट्रांसफार्मर लगना है। डूडा ने विद्युत विभाग को दो माह पहले अदा भी कर दिया। आज तक ट्रांसफार्मर नहीं लगाया गया। उन्होंने डीएम से शिकायत की थी जिस पर डीएम ने एक्सईएन को जल्द ट्रांसफार्मर स्थापित कर कालोनी में विद्युत व्यवस्था सुनिश्चित करने का आदेश दिया था।
चुनाव के पहले दिखाया था लॉलीपाप
शहरी गरीब आसरा योजना के तहत यह फ्लैट गरीबों को लोकसभा चुनाव से पहले आवंटित किये गये थे। बिजली व पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में लोग प्रमाण पत्र लेकर डूडा व नगर पालिका के चक्कर काटते रहे। अधिकारी उन्हें आज कल पर टालते रहे। लंबे समय तक से आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता न होने के बावजूद आवंटी भवनों में शिफ्ट हो गए। कुछ आवंटी जहां कटिया कनेक्शन से काम चला रहे हैं तो कुछ लालटेन के सहारे जीवन गुजार रहे।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
पालिका द्वारा आवंटियों की सुविधा के लिए कोशिशें चल रही है। टैंकर से पानी उपलब्ध कराया जा रहा है जबकि ट्रांसफार्मर के लिए डूडा ने विद्युत विभाग को धनराशि जमा कर दी है।
अशोक जायसवाल, अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद
ट्रांसफार्मर के लिए डूडा ने धन जमा करा दिया है। विभागीय प्रक्रिया चल रही है। एमडी कार्यालय से स्वीकृति मिल चुकी है। टेंडर की प्रक्रिया के बाद कालोनी में दो सप्ताह के अंदर विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
रामकुमार, अधिशासी अभियंता, पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम
क्या कहते हैं आवंटी
तीन माह से पालिका द्वारा आवंटित में कालोनी में रहते हैं। पानी की समस्या सबसे अधिक है। आसपास लोगों के घरों में लगे हैंडपंप से पानी लाना पड़ता है।
राजधारी देवी
पालिका कभी कभी टैंकर भेजता है। पानी नहाने धोने के उपयोग में लिया जाता है लेकिन पीने के लिए अलग से इंतजाम करना पड़ता है। रोज रोज की समस्या से लोग आजिज आ गए हैं।
मीना देवी
कालोनी में बिजली न होने के कारण अनगिनत समस्याएं होती हैं। घरेलू कामकाज के साथ साथ बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इलेक्ट्रानिक उपकरण बेकार पड़े हैं।
चंदा देवी
कालोनी में बिजली मिलते ही पानी की समस्या स्वयं समाप्त हो जाएगी लेकिन पालिका व डूडा के अधिकारी महज आश्वासन से काम चला रहे हैं। देखना है कब समस्या का समाधान होता है।
मंजू देवी
बिजली-पानी की सुविधा नहीं होने से आवासों में ताला बंद कर लोग किराए के मकान में रहने को विवश हैं। आखिर कब तक बिना बिजली पानी के रहा जा सकता है।
सायरा बेगम
शाम ढलते ही कालोनी में अंधेरा पसर जाता है। इसके कारण चोरी व अन्य आपराधिक वारदात का आदि का खतरा बना रहता है। इसकी चिता में लोग रात भर सो भी नहीं पाते।
गुड़िया