सीता विवाह को लेकर छाई रही खुशी
चौरी (भदोही) : बाजार क्षेत्र में चल रही रामलीला में चौथे दिन वन गमन और सीता विवाह का मंचन दिखाया गया
चौरी (भदोही) : बाजार क्षेत्र में चल रही रामलीला में चौथे दिन वन गमन और सीता विवाह का मंचन दिखाया गया। तो वहीं जहां एक ओर सीता विवाह को लेकर श्रद्धालुओं में खुशी छाई रही तो दूसरी ओर प्रभु श्रीराम के वन जाने की जानकारी होते ही मायूसी भी बनी रही। श्रद्धालु मंचन को देखने के लिए देर रात तक पंडाल में उमड़े रहे।
गुरुवार की रात कलाकारों ने दिखाया कि महाराज दशरथ को जनक के स्वयंवर के वृतांत का पता चलता है। दूत बताता है कि गुरु के आदेश से राम ने शिव धनुष का खंडन कर सीता से नाता जोड़ा है। इस बात से राजा दसरथ प्रसन्न होते हैं तथा जनकपुर बारात लेकर जाते हैं। बड़े ही धूमधाम के साथ श्रीराम व सीता समेत भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न का विवाह हो जाता है। समय बीतता गया और एक दिन राजा दशरथ ने घोषणा किया कि अब श्रीराम को राजा बना दिया जाय। यह सुनते खास दासी मंथरा ने महारानी कैकेयी के कान भरना शुरू कर दिया कि राजा तो भरत को होना चाहिए। मंथरा ने कहा कि राजा से दो वर मांगा जाय पहला अयोध्या नरेश भरत बने दूसरा श्रीराम को चौदह वर्ष का वनबास हो। राम के वन चले जाने से दशरथ भी प्राण त्याग देते हैं। अंत में बड़ी संख्या में उपस्थित महिला-पुरुष श्रद्धालुओं ने जय श्रीराम के जयकारे से पंडाल का राममय बना दिया। इस मौके पर सुक्खूराम मौर्या, वीरेंद्र जायसवाल, विनोद द्विवेदी, राधेश्याम यादव, वंशराज यादव, बसंतलाल आदि मौजूद रहे।