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बिगड़ा मौसम, बढ़ी किसानों की धड़कन

मौजूदा माह से शुरूआत में हुई अतिवृष्टि से फसल को पहुंचे नुकसान से अभी किसान उबर नहीं सके थे कि एक बार फिर से मौसम का मिजाज बिगड़ते दिख रहा है। बुधवार को सुबह हुई हल्की बूंदा बांदी व पूरे दिन छाए रहे बादलों को देख किसानों की धड़कन बढ़ चुकी है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Oct 2019 06:04 PM (IST)Updated: Wed, 23 Oct 2019 06:04 PM (IST)
बिगड़ा मौसम, बढ़ी किसानों की धड़कन
बिगड़ा मौसम, बढ़ी किसानों की धड़कन

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : मौजूदा माह से शुरुआत में हुई अतिवृष्टि से फसल को पहुंचे नुकसान से अभी किसान उबर नहीं सके थे कि एक बार फिर से मौसम का मिजाज बिगड़ते दिख रहा है। बुधवार को सुबह हुई हल्की बूंदा बांदी व पूरे दिन छाए रहे बादलों को देख किसानों की धड़कन बढ़ चुकी है। किसानों की चिता इसलिए बढ़ चुकी है कि यदि बारिश हुई तो नुकसान ही होगा। उधर मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि आने वाले दिनों में बादल छाए रहने व हल्की बूंदाबांदी की उम्मीद बनी है।

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पिछले दिनों हुई बारिश के चलते जहां ज्वार, बाजरा से लेकर अरहर व सब्जियों की फसल को काफी क्षति पहुंची थी। वहीं अधिक जल जमाव से धान फसल को भी नुकसान पहुंचा था। स्थिति यह है कि अब भी तमाम स्थानों पर फसल डूबी हुई है। ऐसे में यदि फिर से बारिश हुई तो किसानों को भारी नुकसान पहुंचेगा।

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छाए रहेंगे बादल, होगी बूंदाबांदी

कृषि विज्ञान केंद्र बेजवां के मौसम वैज्ञानिक सर्वेश बरनवाल ने बताया कि आने वाले कई दिनों तक बादल छाए रहने की संभावना है। इसके साथ हल्की- फुल्की बूंदाबांदी भी हो सकती है। तापमान में तेजी के साथ गिरावट देखी जा सकती है। वातावरण में भी नमी चरम पर है। ऐसे मौसम में रोग व कीटों का प्रकोप बढ़ जाता है। किसानों को फसल की बराबर निगरानी करनी पड़ेगी। किसी तरह के कीट व रोग दिखने पर विशेषज्ञ की सलाह से दवाओं का छिड़काव करना चाहिए। बताया कि मृदा में पर्याप्त नमी से यह मौसम रबी की सरसों, मटर, चना आदि फसल की बोआई के लिए उपयुक्त है। किसान खेतों को तैयार कर बोआई कर सकते हैं। उधर कुहासे की आशंका को देखते हुए पशुओं को बाहर छोड़ना व बांधना नुकसानदेह होगा। उन्हें छाए में बांधने का प्रयास करना चाहिए।


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