Move to Jagran APP

स्कूलों में आइआइसीटी से प्रमाणित सैंपल नहीं दे रहे हैं सप्लायर

बेसिक शिक्षा विभाग में नौनिहालों के यूनिफार्म में अधिकृत सप्लायरों की ओर से बेधड़क धांधली की जा रही है। आइआइसीटी से प्रमाणित सैंपल स्कूलों में देने के बजाए कथित सैंपल उपलब्ध करा रहे हैं। शिक्षक भी यूनिफार्म और नमूना में अंतर का अंदाजा नहीं लगा ा रहे हैं। उनका साफ कहना है कि विभागीय अधिकारियों को चाहिए कि आइआइसीटी से प्रमाणित नमूना वह खुद स्कूलों में उपलब्ध कराएं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 Sep 2019 10:15 PM (IST)Updated: Thu, 19 Sep 2019 06:21 AM (IST)
स्कूलों में आइआइसीटी से प्रमाणित सैंपल नहीं दे रहे हैं सप्लायर
स्कूलों में आइआइसीटी से प्रमाणित सैंपल नहीं दे रहे हैं सप्लायर

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर(भदोही): बेसिक शिक्षा विभाग में नौनिहालों के यूनिफार्म में अधिकृत सप्लायरों की ओर से बेधड़क धांधली की जा रही है। आइआइसीटी से प्रमाणित सैंपल स्कूलों में देने के बजाए कथित सैंपल उपलब्ध करा रहे हैं। शिक्षक भी यूनिफार्म और नमूना में अंतर का अंदाजा नहीं लगा ा रहे हैं। उनका साफ कहना है कि विभागीय अधिकारियों को चाहिए कि आइआइसीटी से प्रमाणित नमूना वह खुद स्कूलों में उपलब्ध कराएं। हालांकि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अमित कुमार ने स्पष्ट रूप से दिशा निर्देश जारी कर दिया है कि यूनिफार्म वितरण की पूरी जिम्मेदारी एसएमसी की है। गुणवत्ता में किसी भी प्रकार की शिकायत मिलने न वह खुद जिम्मेदार होंगे।

prime article banner

प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में पंजीकृत 1.42 लाख नौनिहालों में यूनिफार्म वितरित किया जाएगा। कपड़े की गुणवत्ता परखने के लिए आइआइसीटी भदोही से सैंपलिग कराई तो दो फार्मों के ही शर्ट और पैंट सफल हो पाए। इसके अलावा दो फार्मों के किसी के पैंट तो किसी के शर्ट गुणवत्तायुक्त पाए गए। नियमानुसार नौनिहालों को सिलाई कर ही यूनिफार्म वितरित करना है। पड़ताल किया गया तो डीघ और ज्ञानपुर क्षेत्र के कथित सिलाई केंद्र का दूर-दूर तक पता नहीं चल रहा है। जिनका सप्लायरों ने कोटेशन में उल्लेख किया है। मजे की बात तो यह है कि सप्लायरों की ओर से आइआइसीटी से प्रमाणित नमूना नहीं दिया जा रहा है। सप्लायर जिस तरह के यूनिफार्म वितरित कर रहे हैं उसी से जुड़ा नमूना भी शिक्षकों को उपलब्ध करा दे रहे हैं।

-

नमूना के लिए जारी गाइडलाइन

शासन की ओर से जारी गाइडलाइन में सप्लायर को आधा मीटर कपड़े का टुकड़ा नमूना के रूप में उपलब्ध कराना है। नियमानुसार नमूना के रूप में दिए गए कपड़े का टुकड़ा आइआइसीटी से प्रमाणित होना चाहिए। इस पर विधि पूर्वक मोहर आदि लगा होना चाहिए। इससे शिक्षकों को भी सहुलियत मिलती। ऐसा नहीं होता दिख रहा है। सप्लायर मनमानी तरीके से कही कपड़े का टुकड़ा नमूना के रूप में उपलब्ध करा दे रहें हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.