कैसे चढ़ेगीं योजनाएं परवान
जागरण संवाददाता, सुरियावां (भदोही) : शिक्षा के प्रचार-प्रसार तथा बढ़ावा देने के लिए सरकारों द्वारा ल
जागरण संवाददाता, सुरियावां (भदोही) : शिक्षा के प्रचार-प्रसार तथा बढ़ावा देने के लिए सरकारों द्वारा लंबी कवायद की जा रही है लेकिन इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि आमजन को शिक्षित करने की जिम्मेदारी उठाने वाला विभाग ही पैदल है। बात हो रही सुरियावां खंड विकास क्षेत्र की। खंड शिक्षा अधिकारी के पास न तो बैठने के लिए कार्यालय है, न विद्यालयों की निगरानी के लिए वाहन की सुविधा है। ऐसे में शिक्षा तंत्र की स्थिति का स्वत: ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
जनपद के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र सुरियावां ब्लाक क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों की व्यवस्था व देखरेख हेतु खंड शिक्षा अधिकारी के रूप में जंगीलाल मौर्या की नियुक्ति की गई है। इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि विभाग की ओर से आज तक उनके बैठने की व्यवस्था नहीं कराई जा सकी है। आलम यह है कि बीआरसी स्थित एक कमरे को बतौर कार्यालय उपयोग करते हैं। सहायक तो दर किनार एक अदद चपरासी की व्यवस्था नहीं है। परिणामस्वरूप चाय पान तक के लिए उन्हें स्वयं उठकर बाहर जाना पड़ता है। यही नहीं बल्कि विभाग द्वारा साधन भी उपलब्ध नहीं कराया गया है। परिणामस्वरूप किसी विद्यालय का निरीक्षण अथवा अन्य किसी कार्य से निकलने की जरूरत पड़ी तो किसी परिचित की तलाश कर उसकी सेवा लेने को विवश होते हैं।
श्री मौर्या का कहना है कि किसी विद्यालय का दौरान करना होता है तो साधन की समस्या खड़ी हो जाती है। इसके चलते निरीक्षण कार्य प्रभावित होता है। उधर एबीएसए की इस समस्या से विद्यालयों के शिक्षक व प्रधानाध्यापक भी अवगत हैं। यही कारण है कि उन्हें जांच आदि का कोई खौफ नहीं रहता है तथा मनमानी करते हैं।
क्षेत्रवासियों का कहना है कि एक तरफ जनपद में माडल विद्यालयों की स्थापना के लिए जिलाधिकारी की प्रशंसा हो रही है तो दूसरी ओर शिक्षा विभाग के खंडस्तरीय अधिकारी सुविधाओं के अभाव में खुद को बेबस पास रहे हैं। मांग की है कि एबीएसए कार्यालय खोलवाने के साथ-साथ आवागमन के लिए साधन उपलब्ध कराया जाय।