कैसे थमे कोरोना, सील गली में बेखौफ आवागमन
कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए शासन-प्रशासन पूरी तरह से सख्त है। शासन ने सप्ताह में दो दिन का प्रतिबंध लागू कर दिया है तो प्रशासनिक स्तर पर प्रतिबंध के दिनों में घरों से जरूरी कार्यों से निकलने वाले बाइक सवारों पर पूरी तरह से शिकंजा कसा जा रहा है। इसके बाद भी कोरोना पॉजिटिव मिलने वाले संक्रमित के
जागरण संवाददाता, लालानगर (भदोही) : कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए शासन-प्रशासन पूरी तरह से सख्त है। शासन ने सप्ताह में दो दिन का प्रतिबंध लागू कर दिया है तो प्रशासनिक स्तर पर प्रतिबंध के दिनों में घरों से जरूरी कार्यों से निकलने वाले बाइक सवारों पर पूरी तरह से शिकंजा कसा जा रहा है। कोरोना पॉजिटिव मिलने वाले संक्रमित के क्षेत्र को हॉटस्पाट घोषित कर गांव व मोहल्लों को सील करने की कार्रवाई में पूरी तरह से लापरवाही से काम चलाया जा रहा है। सवाल खड़ा हो चुका है कि कैसे थमे कोरोना का कहर, जब रस्सी का घेरा लगाकर लौट चुके प्रशासनिक अधिकारियों के बाद सील गली से बेखौफ आवागमन जारी हो गया। फिर लौटकर कोई देखने नहीं आया कि आखिर स्थिति क्या है।
दरअसल, गोपीगंज नगर के सोनिया तालाब क्षेत्र में कोरोना संक्रमित एक युवक की मौत हो चुकी है। साथ ही उसके माता-पिता की भी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद प्रशासनिक महकमे में हलचल मच गई। प्रशासनिक अधिकारियों-कर्मचारियों की टीम ने पहुंचकर सोनिया तालाब से अस्पताल गली को सील करने की कार्रवाई पूरी की गई। सील के नाम पर मात्र रस्सी का घेरा लगा दिया गया। जबकि उसके चंद घंटे बाद ही रस्सी हटाकर आवागमन जारी हो चुका है। मोहल्ले के लोगों के साथ साइकिल व बाइक सवार से लेकर आटोरिक्शा तक का पूरे दिन गली से होकर आवागमन लगा है लेकिन किसी जिम्मेदार की नजर इस ओर नहीं पड़ रही है। नागरिकों का कहना रहा कि मात्र बाइक सवारों पर हर समय सख्त दिखने वाली पुलिस की आखिर सील गली से हो रहे आवागमन पर क्यों नहीं पड़ रही है।