डेंगू बुखार को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने तैयार की रणनीति
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत डेंगू बुखार को लेकर स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों को सतर्क रहने की हिदायत दी गई है। साथ ही ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में तत्काल डीडीटी का छिड़काव करने को कहा गया है।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही): राष्ट्रीय रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत डेंगू बुखार को लेकर स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों को सतर्क रहने की हिदायत दी गई है। साथ ही ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में तत्काल डीडीटी का छिड़काव करने को कहा गया है।
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लोगों को जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं। कहा है कि यह मच्छर दिन के समय काटता है। इसके उपचार के लिए कोई खास दवा अथवा वैक्सीन नहीं है। इससे बचने के लिए ऐसे कपड़े को पहनना चाहिए जिससे पूरा तन ढका रहे। बुखार उतारने के लिए पैरासिटामाल ले सकते हैं जबकि एस्प्रीन या फिर इब्रूफेन का प्रयोग न करें। इस संबध में चिकित्सक का सलाह जरूर लेना चाहिए। डेंगू के रोगी के लिए प्लेटलेट्स की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
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-कैसे फैलता है डेंगू बुखार
डेंगू बुखार एक एडीज एजिप्ती नामक मच्छर के काटने से होता है। अगर वह किसी का खून पीता है तो उस मच्छर में डेंगू वायरस युक्त खून चला जाता है। जब यह संक्रमित मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काट लेता है तो डेंगू वायरस उस स्वस्थ्य व्यक्ति में चला जाता है। और वह स्वस्थ्य व्यक्ति बीमार हो जाता है।
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- डेंगू बुखार के लक्षण ।
- अचानक तेज सिर दर्द व बुखार का होना ।
-मांसपेशियों तथा जोडों में दर्द होना।
- आंखों के पीछे दर्द होना, जो कि ऑखों को धुमाने से बढ़ता हो।
- जी मिचलाना एवं उल्टी होना, गंभीर मामलों में नाक, मुंह से खून आना ।
- त्वचा पर चकते उभरना, रुक- रुक कर लंबे समय तक बुखार आना।
- शरीर का वजन घटना, शरीर में खून की कमी होना
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-डेंगू बुखार से बचाव
- डेंगू फैलाने वाला मच्छर स्थिर हुए साफ पानी में पनपता है, घर में या आसपास पानी जमा नहीं होना चाहिए।
-कूलर, पानी का टंकी, पक्षियों के पीने के पानी का बर्तन, फूलदान, नारियल का खोल, टूटे हुए बर्तन व टायर आदि के पानी को खाली कर देना चाहिए।
-बुखार अधिक समय तक रहने पर चिकित्सकीय सलाह लेना चाहिए।
- लक्षण महसूस होने पर पास के चिकित्सालय में खून का जांच कराना चाहिए।