विभागों का खाली रह गया खजाना, कर्मचारी झांकते रहे कंप्यूटर
वित्तीय वर्ष 201 उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर(भदोही): वित्तीय वर्ष 2018-19 को समाप्त होने में एक दिन पहले शनिवार को कलेक्ट्रेट से लेकर विकास भवन सहित अन्य सरकारी दफ्तरों में माथापच्ची होती रही। अधिसंख्य विभागों का खजाना खाली रहा। कर्मचारी जहां कंप्यूटर को झांकते रहे तो वहीं अधिकारी बजट विभाग से संपर्क कर जानकारी लेते रहे।
निर्माण एजेंसी हो या फिर शिक्षा विभाग, विकास, कलेक्ट्रेट आदि- आदि विभाग। वित्तीय वर्ष की शुरुआत होने की जितनी खुशी होती है उससे कहीं अधिक समाप्त होने का गम। शुरूआत होने पर विभागों को लक्ष्य के साथ ही साथ बजट मिलने और बढ़ने का आकांक्षाएं असीम होती हैं। लेकिन तमाम ऐसे भी विभाग हैं जहां पर वित्तीय वर्ष के कई माह बीत जाते हैं लेकिन स्टेशनरी पर खर्च किए गए बजट का भी दर्शन नहीं होता है। ऐसे विभाग वित्तीय वर्ष के अंतिम पांच दिनों में मालामाल हो जाते हैं। बिल तो पहले ही तैयार रहता है बस उसे खारिज करने की जरूरत होती है। कुछ ऐसे भी विभाग हैं जहां पर अचानक करोड़ों रुपये की बारिश हो जाती है तो महकमा के लोग दिन रात एक कर उसे खर्च करते हैं। ऐसा न करने पर शासन से मिला बजट लेप्स हो जाता है। लोकसभा चुनाव के चलते इस वित्तीय वर्ष में अधिसंख्य विभागों में सन्नाटा रहा। वेतन- बिल और अन्य छोटे मद में पहले से ही मिले बजट को खर्च करने में विभाग के अधिकारी जुटे रहे।
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- देखते रहे रोजगार सेवक
वित्तीय वर्ष समाप्त होने के कगार पर पहुंच चुका है लेकिन महात्मागांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत काम कर रहे रोजगार सेवकों के मद में अभी तक बजट नहीं मिल पाया है। अधिसंख्य विभागों में बजट अभी तक न मिलने से कर्मचारी और अधिकारी मायूस हैं। फिलहाल अधिसंख्य कर्मियों को अब भी भरोसा कि अंतिम दिन में बजट मिल सकता है।