हर्षित की सफलता ने हर्ष से भर दिया मन
सफलता की ऊंचाईयां हासिल करने को लेकर उम्र कोई मायने नहीं रखती। बस मन में कुछ करने का जज्बा होना चाहिए। बच्चे भी सफलता की इबारत लिख सकते हैं।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : सफलता की ऊंचाइयां हासिल करने को लेकर उम्र कोई मायने नहीं रखती। बस मन में कुछ करने का जज्बा होना चाहिए। बच्चे भी सफलता की इबारत लिख सकते हैं। परिषदीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय पाली के होनहार छात्र व गांव के ही निवासी सुभाषचंद शर्मा व सुधा शर्मा के पुत्र हर्षित शर्मा ने अपनी खेल प्रतिभा के बदौलत जब दो वर्ष तक लगातार राज्य स्तरीय बाल क्रीड़ा प्रतियोगिता में मेडलों पर निशाना साधा तो समूचा बेसिक शिक्षा विभाग का मन हर्ष से भर उठा।
गांव के प्राथमिक व फिर पूर्व माध्यमिक विद्यालय में पढ़ रहा हर्षित शुरू से प्रतिभावान था। शिक्षा के साथ ही खेल में भी काफी रूचि दिखाता था। उसे जरूरत थी तो सही मार्गदर्शन व आगे बढ़ाने से लिए सही मंच की। विद्यालय स्तर पर होने वाली खेलकूद प्रतियोगिताओं में उसने अपने प्रदर्शन के जरिए शिक्षकों का ध्यान अपनी ओर खींचा। फिर क्या था शिक्षक उसे आगे बढ़ाने में लग गए। उसकी सच्ची लगन व मेहनत का परिणाम भी सामने आया। वर्ष 2016-17 में कक्षा सात में शिक्षा लेने के दौरान हुई 30वीं राज्य स्तरीय बाल क्रीड़ा प्रतियोगिता में उपस्थिति दर्ज कराते हुए चक्का प्रक्षेप में सिल्वर मेडल पर निशाना साध दिया। हालांकि उसकी यह सफलता यहीं नहीं थमी, वर्ष 2017-18 में भी ब्लाक, जिला व मंडल स्तर पर अपनी दमदार प्रस्तुति के जरिए
31वीं राज्य स्तरीय प्रतियोगिता तक में पहुंचने में जहां सफल रहा तो राज्य स्तर पर चक्का प्रक्षेप में गोल्ड मेडल व गोला फेंक में सिल्वर मेडल पर निशाना साधते हुए न सिर्फ बेसिक शिक्षा विभाग को गौरवान्वित कर दिया बल्कि घर, परिवार व जिले का नाम भी रोशन कर दिया।