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खिसक रहे भू-जल स्तर से जीवन पर संकट गहराया

खिसक रहे भू- जल स्तर से जीवन पर संकट मंडराता दिख रहा है। जनपद के सभी ब्लाक डार्क जोन से बाहर भले ही कर दिए गए हैं लेकिन गर्मी आते ही पेयजल को लेकर हाहाकार मच जाता है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Apr 2021 03:59 PM (IST)Updated: Tue, 20 Apr 2021 03:59 PM (IST)
खिसक रहे भू-जल स्तर से जीवन पर संकट गहराया
खिसक रहे भू-जल स्तर से जीवन पर संकट गहराया

जागरण संवाददाता ज्ञानपुर (भदोही) : खिसक रहे भू- जल स्तर से जीवन पर संकट मंडराता दिख रहा है। जनपद के सभी ब्लाक डार्क जोन से बाहर भले ही कर दिए गए हैं लेकिन गर्मी आते ही पेयजल को लेकर हाहाकार मच जाता है। पशु- पक्षी के अलावा मानव पानी के लिए अभी से बेहाल हैं। ताल- तलैया में जहां धूल उड़ रही है तो वहीं हैंडपंपों की बोरिग भी फेल हो चुकी है। ग्रामीण पेयजल योजनाएं पूरी तरह ठप हो चुकी हैं।

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जिले करीब 60 हजार से अधिक हैंडपंप अधिष्ठापित किए गए हैं। इसमें करीब तीन हजार से अधिक हैंडपंपों की बोरिग फेल हो चुकी है। इसके अलावा परिषदीय विद्यालयों एवं सरकारी दफ्तरों आदि स्थानों पर भी अधिष्ठापित हैंडपंप खराब पड़े हैं। गर्मी के दिनों में दूर-दूराज से आए लोगों को पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है। खास बात तो यह है कि जनपद में संचालित 35 ग्रामीण पेयजल परियोजनाएं भी जवाब दे चुकी हैं। ग्रामीण अंचलों में पेयजल की आपूर्ति कराने वाली पाइप लाइनें भी पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। मानव तो किसी तरह पेयजल की व्यवस्था कर ले रहे हैं लेकिन पशु- पक्षियों की स्थिति बेहाल है। तालाबों में धूल उड़ रहे हैं। उधर जिम्मेदार विभाग के अधिकारी भी इससे अनभिज्ञ बने हुए हैं। मुख्य विकास अधिकारी भानुप्रताप सिंह ने बताया कि इस संबंध में रिपोर्ट मांगी गई है। प्रशासक को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वह खराब पड़े हैंडपंपों को ठीक कराए। इसमें किसी तरह की शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।

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ग्रामीण इलाके में सूख गए कुएं

- ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित अधिसंख्य कुएं तो समाप्त हो चुके हैं लेकिन जिनका वजूद है वह भी अप्रैल में सूख गए। जानकारों का कहना है जनपद में भू-जल स्तर चालीस फीट है। इधर दो साल से यह खिसकर 45 से 50 फीट हो गया है। जल स्तर खिसकने से कुएं पूरी तरह सूख चुके हैं तो हैंडपंप भी चोक ले रहे हैं। सबसे भयावह स्थित नगरीय क्षेत्रों की बनी हुई है।

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इन क्षेत्रों में पानी के लिए है संकट

- विकास खंड डीघ, अभोली और सुरियावां के अलावा औराई के अधिसंख्य गांवों में पेयजल की समस्या बनी हुई है। जनपद में ट्रैंकर आदि से पेयजल आपूर्ति करने की स्थिति नहीं है। इसके बाद भी किसी तरह दूर-दूर से पानी लाकर लोग गर्मी में किसी तरह काम चलाते हैं। इन क्षेत्रों में गर्मी आते ही पानी को लेकर लोगों को चिता सताने लगती है। मई और जून में स्थिति बहुत ही भयावह हो जाती है।


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