ई-पॉस मशीन में अटका गरीबों का निवाला
आप अपनी रसोईं में चूल्हा जलाकर भोजन के इंतजाम के लिए राशन की दुकान से खाद्यान्न मिलने की उम्मीद पाल रखे हैं। तो सावधान हो जाएं कहीं खाद्यान्न वितरण के लिए बायोमेट्रिक ई-पास मशीन कहीं आपके चुल्हे को बुझा न दे। क्योंकि मशीन में तकनीकी खराबी आने पर गैर प्रशिक्षित इंजीनियरों की देख रेख में सुचारु नहीं हो पा रही है। जिससे दगा दे रही ई-पास मशीन को लेकर कोटेदार दिक्कत झेल रहे हैं। दक्ष इंजीनियरों के अभाव में जिले में वर्तमान में नगरीय क्षेत्रों की आठ कोटेदारों की मशाीन खराब है। जिससे गरीब लाभार्थियों को खाद्यान्न नहीं मिल रहा है।
केस 1
घोसियां के सरकारी राशन की दुकान की ई-पॉस मशीन खराब है। कोटेदार अजय तिवारी ने बताया कि वितरण बंद हो चुका है। 635 परिवार समस्या झेल रहे हैं। परिवार आरोप लगा रहे हैं। मशीन को डीएसओ आफिस में जमा कर दिया है। केस 2
नगर पंचायत ज्ञानपुर के राशन की दुकान की मशीन खराब है। कोटेदार अनिल कुमार के अनुसार ढाई माह से मशीन खराब थी, 299 परिवारों को वितरण में दिक्कत है। कई बार भाग दौड़ के बाद बदलकर दूसरी उपलब्ध कराई गई। केस 3
शहर में आवंटित छह दुकानों में राशन वितरण बंद है। कोटेदार शोभनाथ, मूलचंद, प्रमिला देवी, अमित कुमार, सुहेल अहमद व रामलाल की दुकान के ई-पॉस मशीन हैंग हो रही है। यहां भी वितरण बंद हो चुका है।
विभूति नारायण दुबे, ज्ञानपुर (भदोही)
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ये बानगी है सार्वजनिक वितरण व्यवस्था की। यहां पर गरीबों को राशन इसलिये नहीं दिया जा रहा है, क्योंकि बायोमीट्रिक ई-पॉस मशीन छोटी-मोटी तकनीकी दिक्कतों की वजह से काम नहीं कर रही है। ऐसे करीब आठ दुकानों के मामले सामने आए हैं। यह आंकड़ा मात्र नगरीय क्षेत्रों का है, ग्रामीण इलाके में स्थिति और बदतर हो चुकी है। प्रशिक्षित नहीं होने के कारण यहां कोटेदार मशीनें चला भी नहीं पा रहे हैं। आपूर्ति विभाग खामोश है, वह एक्सपर्ट इंजीनियर की व्यवस्था नहीं होने का रोना रोते दिखाई पड़ रहा है। जनता परेशान है। गरीब की भूख शांत नहीं हो रही है और वह दुकानों के चक्कर लगा रहे है। कार्यदायी एजेंसी को करनी चाहिये व्यवस्था
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत चयनित पात्र गृहस्थी को खाद्यान्न वितरण के लिए ई-पॉस मशीन कोटेदारों को उपलब्ध कराया गया है। कार्यदायी कंपनी की खाद्यान्न वितरण के लिए तकनीकी जानकारी के दक्ष इंजीनियरों से संचालन कराने की जिम्मेदारी है। एक नोडल व छह सहायक अभियंताओं ने शैक्षिक व दक्षता प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं कराया है। 744
दुकानें जनपद में
744
ई-पॉस मशीनें
08
मशीनें खराब
2,83714
पात्र गृहस्थी
38,264
अंत्योदय कार्डधारक
11,95,856
कुल यूनिट
60000
क्िवटल कुल वितरण लक्ष्य ''मशीन आपूर्ति व संचालन के लिए चेन्नई की ओएसीएस कंपनी का शासन स्तर से टेंडर है। जिले में कंपनी द्वारा संचालकों को तैनाती दी गई है। उनकी दक्षता व प्रशिक्षण संबंधी जानकारी कंपनी के पास ही है। कार्यालय में उनका कोई भी अभिलेख नहीं है। वितरण में व्यवधान हो रहा है, कार्रवाई की जा रही है।''
-अमित तिवारी, जिला पूर्ति अधिकारी, भदोही।