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गाइड लाइन का कड़ाई से हुआ पालन तो बंद हो जाएंगे गोशाला

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी गाइडलाइन का कड़ाई से पालन किया गया तो 21 में से 12 गोशाला बंद हो जाएंगे अथवा उन्हें दूसरे स्थान पर शिफ्ट करना होगा। यह गोशाला नहर और आवासीय क्षेत्रों के साथ ही साथ जल प्लावन क्षेत्र में संचालित किए जा रहे हैं। बड़वापुर पूरेरजा और डुडवा धर्मपुरी जहां नहर के किनारे स्थित है तो वहीं राजकीय गोशाला पिपरिस आवासीय और जल प्लावन क्षेत्र में संचालित किया जा रहा है। गाइडलाइन की जानकारी होते ही संचालकों के साथ ही साथ प्रशासनिक अधिकारियों में खलबली मच गई है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Jul 2020 10:26 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jul 2020 06:06 AM (IST)
गाइड लाइन का कड़ाई से हुआ पालन तो बंद हो जाएंगे गोशाला
गाइड लाइन का कड़ाई से हुआ पालन तो बंद हो जाएंगे गोशाला

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी गाइडलाइन का कड़ाई से पालन किया गया तो 21 में से 12 गोशाला बंद हो जाएंगे अथवा उन्हें दूसरे स्थान पर शिफ्ट करना होगा। यह गोशाला नहर और आवासीय क्षेत्रों के साथ ही साथ जल प्लावन क्षेत्र में संचालित किए जा रहे हैं। बड़वापुर, पूरेरजा और डुडवा धर्मपुरी जहां नहर के किनारे स्थित है तो वहीं राजकीय गोशाला पिपरिस आवासीय और जल प्लावन क्षेत्र में संचालित किया जा रहा है। गाइडलाइन की जानकारी होते ही संचालकों के साथ ही साथ प्रशासनिक अधिकारियों में खलबली मच गई है।

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गोबर उठाने से शुरू होती है दिन की शुरूआत

- पूरेरजा स्थित गोशाला में गोबर उठाने से दिन की शुरूआत होती है। यहां पर कुल 85 मवेशी हैं। मुख्य नहर के पास होने के कारण गोशाला के आस-पास जल भराव रहता है। गोबर और मूत्र निस्तारण की अभी तक कोई व्यवस्था नहीं है। प्रतिदिन 20 क्विटल गोबर और मूत्र निकलता है। गोबर को पास में बने गड्ढे में निस्तारित किया जाता है जबकि मूत्र आस-पास खुले में गिरता रहता है।

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- गाइड लाइन में दिए गए निर्देशों का पालन किया जाएगा। वैज्ञानिक विधि से गोबर और मूत्र का निस्तारण करने की व्यवस्था किया जाएगा। इसके लिए अतिरिक्त बजट की जरूरत पड़ेगी। सरकार की ओर से बजट का भी बंदोबस्त किया जाना चाहिए।

चित्र.4..भोलानाथ शुक्ल, गोशाला संचालक।

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गोशाला में गोबर और मूत्र निस्तारित कराने के लिए मनरेगा से कंपोस्ट गड्ढा तैयार कराने के लिए निर्देश जारी कर दिया गया है। जिले में स्थान के कारण कुछ गोशाला नहर और जल प्लावन क्षेत्रों में संचालित किए जा रहे हैं। गाइडलाइन के अनुसार जो भी उचित होगा उसके लिए प्रयास किया जाएगा।

चित्र.5.. विवेक त्रिपाठी, मुख्य विकास अधिकारी।


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